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अस्पताल में अग्निशमन यंत्र बैठाने का काम दलालों ने रोका

- दलालों की धमकियों ने प्राइवेट संस्था के कर्मी बीच में ही काम छोड़कर कोलकाता वापस लौटे - लोक निर्म

By Edited By: Published: Thu, 08 Dec 2016 07:16 PM (IST)Updated: Thu, 08 Dec 2016 07:16 PM (IST)

- दलालों की धमकियों ने प्राइवेट संस्था के कर्मी बीच में ही काम छोड़कर कोलकाता वापस लौटे

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- लोक निर्माण विभाग की ओर से जिलाधिकारी, सीएमओएच एवं पुलिस अधीक्षक को लिखित रूप से दी गई जानकारी

- पुलिस जल्द से जल्द दोषियों पर करें कार्रवाई : सौरभ चक्रवर्ती

संवादसूत्र, अलीपुरद्वार : राज्य में जहां तृणमूल कांग्रेस की सरकार दोबारा सत्ता आने में बाद विकास के लिए बड़े से बड़े दावे कर रहे है। उनका कहना है कि चाहे शिक्षा व स्वास्थ्य हर क्षेत्र में उनकी सरकारी गरीबों के हर सुविधा मुहैया कराएंगी। लेकिन अलीपुरद्वार जिला अस्पताल में ऐसी ही घटना सामने आई है, जिला अस्पताल में लोक निर्माण विभाग की ओर से अग्निशमन यंत्र मशीन लगाने काम चल रहा था। परंतु अस्पताल परिसर में दलालों के गिरोह के धमकियों से वहां पर कार्य कर रहे प्राइवेट संस्था के लोगों को काम बंद करके कोलकाता वापस लौटना पड़ा। दलालों ने वहां पर काम के लिए पैसे की मांग की है। संस्था की ओर से पूरी घटना के बारे में लिखित रूप से सरकारी विभागों को अवगत कराया गया है। अस्पताल परिसर में निर्माणाधीन अग्निशमन विभाग का काम लोक निर्माण विभाग द्वारा देखा जा रहा है। लोक निर्माण विभाग के अलीपुरद्वार शाखा के कार्यकारी अभियंता प्रदीप्त चटर्जी ने पूरी घटना के बारे में जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक से लेकर जिला मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी को अवगत कराया गया है। यहां तक रोगी कल्याण समिति के चेयरमैन सौरभ चक्रवर्ती को भी इस बारे में अवगत कराया गया है। दलालों के गिरोह द्वारा सरेआम इस प्रकार की धमकी दिये जाने की घटना को लेकर इलाके में उत्तेजना का माहौल है।

विभिन्न स्वयंसवी संगठन से लेकर जानकारों का मानना है कि जिला अस्पताल में दलालों का अत्याचार कहां तक बढ़ गया है यह सबसे बड़ा उदाहरण है। शाम होने तक दलाल गिरोह एवं असमाजिक तत्वों का अड्डा शुरू हो जाता है। रात के समय अस्पताल में रोगी से लेकर उसके परिजनों अपने आप को असुरक्षित महसूस करते है। अगर सही समय पर इस पर कदम नहीं उठाया गया, तो परिस्थिति बाहर हो जाएंगी।

लोक निर्माण विभाग अलीपुरद्वार शाखा सूत्रों के अनुसार जिला अस्पताल में अग्निशमन यंत्र मशीन स्थापित करने के लिए दो लाख 40 हजार रुपये आवंटित किए गए थे। इन रुपयों से जिला अस्पताल के बिल्डिंग में अग्निशमन के यंत्र मशीन बैठाने के लिए एक प्राइवेट संस्था को काम दिया गया था। इस अवसर पर प्राइवेट संस्था की ओर से अग्निशमन विभाग के लिए काम कर रहे संस्था के सेल्स मैनेजर सुवीन शील ने फोन पर बताया कि लोक निर्माण विभाग के निर्देशानुसार अस्पताल में हमलोगों ने गत शुक्रवार से मशीन लगाने का काम शुरू किया। काम शुरू होने के बाद अचानक अज्ञात युवकों का एक दल अस्पताल में हमलोगों के कर्मी को काम करने में अड़चने पैदा की। उनलोगों का कहना है कि अगर अस्पताल में काम करना है तो पैसे देने होंगे। नहीं तो काम करने नहीं दिया जाएगा। लगातार धमकी के बावजूद हमारे कर्मियों ने 63 अग्निशमन के यंत्र को लगाया। इसके बाद उन युवकों ने फोन पर गाली-गलौज देना शुरू कर दिया। इसके बाद जान से मारने की धमकी भी दी। ऐसे माहौल में हमलोगों ने अपनी जान बचाते हुए वहां से काम बंद करके वापस कोलकाता लौट आए।

प्राइवेट संस्था के वाणिज्यिक प्रतिनिधि ने आरोप लगाते हुए कहा कि पूरे राजय में अधिकांश जिला अस्पताल, मेडिकल कालेज एवं अन्य अस्पतालों में हमलोगों ने अग्निशमन के यंत्र लगाए है। लेकिन यहां पर जितनी परेशानी हुई। उतनी परेशानी कहीं भी नहीं हुई है। अस्पताल में 10-12 लोगों का एक दल पूरे अस्पताल कब्जा बनाए रखा है एवं जहां तहां लोगों को धमकियां दी जा रही है साथ ही जबरन वसूली की जा रही है।

इस घटना को लेकर लोक निर्माण विभाग के कार्यकारी अभियंता प्रदीप चटर्जी ने कहा कि पूरी घटना के बारे में लिखित रूप से जिला मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी से लेकर जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक को अवगत कराया गया है। इस घटना के बाद अस्पताल में अग्निशमन यंत्र लगाने का काम अधूरा रह गया है।

जिला मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी डॉ पूरन शर्मा ने कहा कि घटना के बारे में जानकारी मिली है। इस पर उपयुक्त कार्रवाही करने के लिए जिलाधिकारी व पुलिस अधीक्षक को कहा गया है। वही रोगी कल्याण समिति के चेयरमैन व विधायक सौरभ चक्रवर्ती ने कहा कि पूरी घटना के बारे में लोक निर्माण विभाग से जानकारी मिली है। इस विषय पर ठोस सबूत मिलने पर उस पर कार्रवाई करने में आसानी होगी। जल्द से जल्द दोषियों पर कड़ी कार्रवाई करने के लिए पुलिस प्रशासन को कहा गया है।


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