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26 वर्षो से जंजीर में जकड़े दो भाई कराये गये मुक्त

-मानसिक रूप से असंतुलित इन दोनों भाइयों को जलपाईगुड़ी सदर अस्पताल में कराया गया भर्ती संवाद सूत्र,

By Edited By: Published: Mon, 27 Jun 2016 09:39 PM (IST)Updated: Mon, 27 Jun 2016 09:39 PM (IST)

-मानसिक रूप से असंतुलित इन दोनों भाइयों को जलपाईगुड़ी सदर अस्पताल में कराया गया भर्ती

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संवाद सूत्र, धुपगुड़ी : 26 वर्षो तक मानसिक रूप से असंतुलित दो भाईयों को जंजीर में जकड़े रहने के बाद सोमवार को बीडीओ व दार्जिलिंग जिला लीगल एड फोरम के प्रयास से मुक्त कराया गया। आरोप है कि इन भाइयों को मुक्त कराने में पुलिस की कोई मदद नहीं मिली। सोमवार को धुपगुड़ी के बीडीओ शुभंकर राय एवं दार्जिलिंग जिला लीगल एड फोरम के सचिव अमित सरकार व फोरम के सदस्य मानस पारोया धुपगुड़ी प्रखंड के शालबाड़ी दो नंबर ग्राम पंचायत के चामटीमुखी के मजेरमिल गांव में स्थित आयूब अली के घर में पहुंचे। जहां इन्होंने जंजीर से बंधे दो भाई साहानूर आलम 44 व अब्दुल हाकिम 40 को जंजीर से मुक्त कराया। इन दो भाइयों के पिता अयूब अली ने इन्हें देखकर रो पड़े। उन्होंने बताया कि कोई उपाय नहीं होने की वजह से अपने दो बच्चों को वह इस तरह से वर्षो से जकड़ कर रखे थे। इधर, गरीबी के कारण इनका इलाज भी नहीं करा सके। उन्होंने बताया कि इन दो बच्चों के इलाज के लिए कई बार प्रशासन से आवेदन किया गया, लेकिन किसी ने आगे नहीं आया। धुपगुड़ी के बीडीओ की मौजूदगी में दार्जिलिंग जिला लीगल एड फोरम के प्रतिनिधियों ने मानसिक रूप से असंतुलित इन दो भाइयों को जंजीरों से मुक्त कराकर जलपाईगुड़ी सदर अस्पताल में भर्ती कराया। दार्जिलिंग जिला लीगल एड फोरम के सचिव अमित सरकार ने बताया कि मंगलवार सुबह को दोनों को जलपाईगुड़ी के मुख्य न्यायाधीश के अदालत में पेश किया जाएगा। इनके निशुल्क इलाज के लिए बहरमपुर मानसिक अस्पताल में भेजने के लिए अदालत से अपील की जाएगी। उन्होंने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के मुताबिक किसी व्यक्ति को एक मिनट के लिए भी जंजीर से बांधा नहीं जा सकता है। यह घटना किस तरह हुई यह आश्चर्य की बात है। उन्होंने बताया कि इस गरीब परिवार को हर संभव सहयोग करने का आश्वासन उन्होंने दिया। बीडीओ एवं जलपाईगुड़ी के आईसी परिसेवा समिति का सहयोग लेकर दोनों भाइयों की इलाज की व्यवस्था की जाएगी। धुपगुड़ी के बीडीओ शुभंकर राय ने बताया कि सरकारी कानून के तहत एवं मानविकता के कारण इस गांव में पहुंचा एवं इन दो भाइयों को जंजीर से मुक्त कराया। इलाज के माध्यम से इन्हें समाज की मुख्य धारा में शामिल करने के लिए हर संभव प्रयास के लिए अदालत में आवेदन किया जाएगा।


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