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आर्मी त्रिशक्ति कोर के जीओसी ले. जनरल सीपी मोहंती ने कहा वेटरंस अतीत नहीं, भविष्य हैं

आर्मी त्रिशक्ति कॉर्प्स के मुख्यालय सुकना में वेटरंस दिवस का आयोजन किया गया। इसमें पूर्व सैनिकों व वीर नारियों को सम्मानित तो किया ही गया, समस्याओं के समाधान की भी कोशिश की गई।

By Rajesh PatelEdited By: Published: Tue, 15 Jan 2019 11:41 AM (IST)Updated: Tue, 15 Jan 2019 11:41 AM (IST)
आर्मी त्रिशक्ति कोर के जीओसी ले. जनरल सीपी मोहंती ने कहा वेटरंस अतीत नहीं, भविष्य हैं
आर्मी त्रिशक्ति कोर के जीओसी ले. जनरल सीपी मोहंती ने कहा वेटरंस अतीत नहीं, भविष्य हैं
सिलीगुड़ी [जागरण संवाददाता]। सेना के वैटरंस हमारे अतीत हैं, या भविष्य हैं। ये सवाल अपने आप से करूं तो मैं यही कहूंगा कि वेटरंस मेरे भविष्य हैं। क्योंकि एक दिन मैं भी आप लोगों के साथ वेटरंस रहूंगा। ये बातें आर्मी त्रिशक्ति कोर के जीओसी ले. जनरल सीपी मोहंती ने कही। उन्होंने आर्मी त्रिशक्ति कोर मुख्यालय, सुकना में आयोजित वेटरंस दिवस के मौके पर उपस्थित लोगों को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि वेटरंस का वेलफेयर हमारी जिम्मेदारी है। अगर जिम्मेदारी निभाने में कहीं कमी रह जाती है तो आप अवश्य बताएं। हर संभव इसमें सुधार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि मैंने कई देशों के सेना के मॉडलों को देखा है। जितना वेटरंस का ख्याल भारतीय सेना में रखा जाता है, उतना पूरे विश्व के किसी आर्मी में नहीं रखा जाता है।
उन्होंने आश्वासन दिया कि आगे भी वेटरंस के कल्याण के लिए कोशिशें जारी रहेंगी। वेटरंस दिवस के मौके पर पूर्व सैनिकों की पेंशन, हेल्थ समेत अन्य कल्याणकारी योजनाओं से संबंधित समस्याओं को सुनने व उनके समाधान के लिए अलग-अलग स्टॉल लगाए गए थे। इस दौरान देश की आन-बान-शान की रक्षा करते हुए अपने प्राणों का बलिदान करने वाले शहीदों की विधवाओं यानी कई वीर नारियों को सम्मानित किया गया।
पाकिस्तान के साथ बांग्लादेश मुक्ति संग्राम में अहम भूमिका निभाने वाले कर्नल एमके घतराज व कर्नल वीरेन जैन समेत 550 से ज्यादा वेटरंस, उनके परिजन व दिव्यांग सैनिकों ने इसमें भाग लिया। इस मौके पर वेटरंस के मनोरंजन के लिए सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया, जिसमें सैनिकों ने पंजाब के लोकप्रिय नृत्य भांगड़ा, मराठी नृत्य, पाइप बैंड डिस्प्ले, जांज पटक प्रदर्शन, मूल ट्रिक राइडिंग व टेंट पेडिंग समेत अन्य हैरत अंगेज करतब का प्रदर्शन कर लोगों को दांतों तले उंगलियां दबाने के लिए मजबूर कर दिया।  

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