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एनबीएमसीएच : क्षतिग्रस्त कॉरिडोर का होगा पुनर्निमाण

-राज्य सरकार की ओर से सात करोड़ रुपये स्वीकृत -भूकंप से क्षतिग्रस्त हो गया था कॉरिडोर जागरण संव

By JagranEdited By: Published: Thu, 25 May 2017 08:28 PM (IST)Updated: Thu, 25 May 2017 08:28 PM (IST)
एनबीएमसीएच : क्षतिग्रस्त कॉरिडोर का होगा पुनर्निमाण

-राज्य सरकार की ओर से सात करोड़ रुपये स्वीकृत

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-भूकंप से क्षतिग्रस्त हो गया था कॉरिडोर

जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी : उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज व अस्पताल के क्षतिग्रस्त कॉरिडोर का पुनर्निमाण कराया जाएगा। ज्ञातव्य रहे कि यह कॉरिडोर दो वर्ष पूर्व आए भूंकप के चलते क्षगिग्रस्त हो गया था।

जानकारी के अनुसार क्षतिग्रस्त दो मंजिले वाले कॉरिडोर के विभिन्न वार्डो में जाने वाली गैलरी और रेलिंग का जीर्णोद्धार कराया जाएगा। इसके पुनर्निमाण के लिए सात करोड़ रुपये राज्य सरकार की ओर से स्वीकृत किए गए हैं। निर्माण कार्य शुरू करने के लिए राज्य सरकार के स्वास्थ्य विभाग से अनुमति भी मिल गई है।

यह जानकारी राज्य के पर्यटन मंत्री व एनबीएमसीएच रोगी कल्याण समिति के चेयरमैन गौतम देव ने दी।

उन्होंने बीते बुधवार को एनबीएमसीएच में रोगी कल्याण समिति की बैठक करने के बाद बताया कि कॉरिडोर के निर्माण के लिए टेंडर की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है। उल्लेखनीय है दो वर्ष पहले अप्रैल में आए भूकंप के कारण कॉरिडोर क्षतिग्रस्त ग्रस्त हो गया था। पीडब्ल्यूडी विभाग से इसका सर्वे भी कराया गया था। विभाग से मिली रिपोर्ट के मुताबिक एनबीएमसीएच के भवन को कोई नुकसान नहीं हैं, जबकि कॉरिडोर को काफी खतरनाक बताया गया। रिपोर्ट में उक्त कॉरिडोर को पूरी तरह से गिराकर फिर से नया बनाने अथवा बेहतर तरीके कॉरिडोर की मरम्मत कराने के सुझाव दिए गए थे। बताया गया कि इसके निर्माण में लगभग सात करोड़ रुपये खर्च होंगे। सूत्रों के अनुसार मेडिकल अस्पताल के गायनोकोलॉजी विभाग, ब्लडबैंक व सेंट्रल पैथोलॉजी समेत विभिन्न वार्डो व ब्लाकों में इस कॉरिडोर के माध्यम से ही आना जाना किया जाता है। जहां-तहां बांस से घेरा भी लगाया है, इसके बाद भी अभी तक बंद नहीं हुआ है। जबकि कॉरिडोर के संभावित खतरे को देखते हुए कॉरिडोर को बांस के सहारे सहारा दिया गया है। बताया गया कि इन ब्लॉकों में जाने के लिए वैकल्पिक रास्ता तैयार कर क्षतिग्रस्त कॉरिडोर को गिराकर फिर से नए तरीके से निर्माण किया जाएगा। जब तक इस कॉरिडोर के बदले कोई वैकल्पिक रास्ता नहीं तैयार कर लिया जाता तब तक इस कॉरिडोर से आवागमन करना खतरे से खाली नहीं। भूतल व प्रथम तल पर कॉरिडोर में रात में कोई नहीं सोए तथा आवागमन न करे इस पर नजर रखने के सुरक्षा गार्डो को बोल दिया गया था। इसे देखते हुए एनबीएमसीएच प्रशासन उक्त कॉरिडोर से आवागमन बंद करने की योजना बनाई थी, लेकिन सफल नहीं हो पाया।


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