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भाजपा देश में बना रही डिवाइड एंड रुल की पालिसी : सीताराम

कैचवर्ड : चुनाव - माकपा के दार्जिलिंग जिला कमेटी की ओर से राजेश्वरी हाल में कार्यकर्ता सभा - भाज

By JagranEdited By: Published: Sun, 23 Apr 2017 08:12 PM (IST)Updated: Sun, 23 Apr 2017 08:12 PM (IST)
भाजपा देश में बना रही डिवाइड एंड रुल की पालिसी : सीताराम
भाजपा देश में बना रही डिवाइड एंड रुल की पालिसी : सीताराम

कैचवर्ड : चुनाव

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- माकपा के दार्जिलिंग जिला कमेटी की ओर से राजेश्वरी हाल में कार्यकर्ता सभा

- भाजपा हिन्दू-मुस्लिम को लड़ाकर देश में अपना वर्चस्व कायम करना चाह रही है

जागरण संवाददाता, कर्सियाग : भारतीय जनता पार्टी देश में डिवाइड एंड रूल की पालिसी अपना कर हिंदू राष्ट्र बनाने का प्रयास कर रही है। इसके कारण देश की तरक्की व विकास दोनों में असुविधा होना अस्वभाविक है। रविवार को कर्सियांग में माकपा दार्जिलिंग जिला कमेटी की ओर से आयोजित कार्यकर्ता सभा में माकपा के पोलित ब्यूरो सदस्य व राज्यसभा सांसद व राष्ट्रीय महासचिव सीताराम येचुरी ने यह बात कहीं। इस दिन माकपा के वरिष्ठ नेता के.बी.वातर के अध्यक्षता में स्थानीय राज राजेश्वरी हॉल में सभा संपन्न हुई।

सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि जिस प्रकार अंग्रेजों ने देश में एक - दूसरों को आपस में लड़ाकर दो सौ साल शासन किया , ठीक उसी प्रकार भाजपा हिन्दू-मुस्लिम को लड़ाकर देश में अपना वर्चस्व कायम करना चाह रही है। बंगाल में तृणमूल काग्रेस भी वही कर रहा है। ऐसी ताकतों को रोकने के लिए उन्होंने सभी लोगों को आपसी एकता को बरकरार रखने का आह्वान भी किया।

उन्होंने कहा कि माकपा को छोड़कर अन्य कोई नहीं है, जो एकता को बरकरार रख सके। यदि हम एकबद्ध नहीं हुए तो देश में खतरा बढ़ेगा। इससे सावधान रहने का सुझाव भी उन्होंने दिया।

दार्जिलिंगं पहाड़ी क्षेत्र का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि यहा ऑटोनामी को कानूनी तौर पर बरकरार किया जा सकता है। हम चाहते हैं कि यहा संवैधानिक ऑटोनामी ऐसा बने, जिसमें राज्य सरकार का कोई हस्तक्षेप ना हो। नेपाली भाषा को मान्यता दिलाने के लिए दार्जिलिंग के अंदर बड़ी लंबी लड़ाई लड़ने के बाद आठवीं अनुसूची में यह अंतर्भुक्त हो सका। यदि भाषागत अल्पसंख्यक ( लिंगुवेस्टिक माइनारिटी) का हैसियत इसे मिल जाये तो यहा काफी सुविधाएं प्राप्त होगी। संसद में आवाज बुलंद करने के लिए माकपा प्रतिबद्ध है। ये मेरा वादा है। केन्द्र सरकार से हम लड़ेंगे। परंतु एकता के आधार पर मात्र यह संभव है।

उन्होंने कहा कि उत्तर -पूर्वी राज्य में नार्थ - ईस्ट काउंसिल बनाया गया है। यहा हिल एरिया डेवलपमेंट काउंसिल के नाम से विकास हो रहा है। वहा टैक्स में छूट है। परंतु दार्जिलिंग पहाड़ी क्षेत्र इसके बीच में पड़ने के बावजूद इस सुविधाओं से इसे वंचित रखा गया है। इसके लिए केन्द्र सरकार पर दबाव बनाना आवश्यक उन्होंने बताया। उन्होंने कहा कि यहा स्वायत्त परिषद बन जाये तो नौजवानों को शिक्षा, रोजगार आदि का अवसर मिलेगा। तकरीबन चार हजार लोग प्रतिदिन टाइगर हिल का नजारा व मनोरम दृश्य अवलोकन करने आते हैं। यहा से दार्जिलिंग , कालिम्पोंग व कर्सियाग को रोप-वे से जोड़ा जा सकता है। यह आर्थिक दृष्टिकोण से विकसित हो सकता है।

चाय बागान में कार्यरत श्रमिक - मजदूरों के संदर्भ में उन्होंने कहा कि इस पहाड़ी क्षेत्र के चाय श्रमिकों की अवस्था सोचनीय है। आज के युग में भी उन्हें प्रतिदिन 132 रुपये मिलता है। जबकि केरल में तकरीबन 500 रुपये मिलता है। उन्होंने कहा कि यहा चाय में मुनाफा की कोई कमी नहीं है। यहा से चाय दिल्ली भेजते ही उसके मूल्य में चार गुणा व विदेशों में दस गुणा बढ़ जाती है। आगामी 14 मई के दिन संपन्न होनेवाले नगरपालिका चुनाव के जरिये एक नया रास्ता निकालने व यहा एक बेहतर व्यवस्था बनाने का आह्वान भी लोगों से उन्होंने किया।

उन्होंने बताया कि चार हजार करोड़ रुपये दार्जिलिंग जिले से विविध चिटफंड कंपनियों ने लोगों से लूट लिया। राज्य सरकार को चाहिए कि वे लूटनेवाले कंपनियों के संपत्तियों को जब्त करके बिक्री कर पीड़ित जनता के रुपये को लौटाने का प्रयास करे। उन्होंने यह भी बताया कि 11 लाख करोड़ रुपये का कर्ज लेकर माल्या देश छोड़कर लंदन भाग गया। उनका कर्ज माफ करने का प्रयास चल रहा है। परंतु देश के गरीब जनता व किसानों के लिए कोई राहत नहीं है।

माकपा जिला सचिव जिवेश सरकार ने कहा कि दार्जिलिंग पहाड़ में विभाजन की राजनीति चल रही है। इसके नाम पर जिला व महकमा गठन हो रहा है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कालिम्पोंग को जिला घोषित कर दी। परंतु इसका पूर्वाधार कुछ नहीं है। अभी यहा बोर्ड की राजनीति चल रही है। जीटीए को संवैधानिक मान्यता देने व राज्य की क्षमता जैसा जीटीए को बनाने की माग भी उन्होंने रखा। उन्होंने कहा कि हम अलग प्रात का विरोध करते हैं परंतु गोरखा जाति के विकास का नहीं। तृणमूल काग्रेस का मुद्दा दार्जिलिंग पहाड़ में कब्जा करना व गोरखा जाति का विभाजन करना बताते हुए उन्होंने तृणमूल काग्रेस को गोरखा विरोधी पार्टी का संज्ञा भी दिया। सभा को वरिष्ठ नेता सुजन चक्रवर्ती , समन पाठक, के.बी.वातर ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर माकपा के वरिष्ठ नेताओं में दिलीप सिंह, भरत पटेल , तारा सुंदास आदि सहित कई नेताओं की उपस्थित थे। कार्यकर्ता सभा में दार्जिलिंग पहाड़ी क्षेत्र के विविध इलाकों से आये कर्मियों की की संख्या अधिक थे।


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