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गोरखालैंड की याद चुनाव के समय ही क्यों आती है : हर्क बहादुर

-नगर निकाय के चुनाव में किसी भी दल से गठबंधन करने से किया इंकार जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी : गोरखा

By Edited By: Published: Sun, 19 Feb 2017 08:54 PM (IST)Updated: Sun, 19 Feb 2017 08:54 PM (IST)
गोरखालैंड की याद चुनाव के समय ही क्यों आती है : हर्क बहादुर
गोरखालैंड की याद चुनाव के समय ही क्यों आती है : हर्क बहादुर

-नगर निकाय के चुनाव में किसी भी दल से गठबंधन करने से किया इंकार

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जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी : गोरखा जन मुक्ति मोर्चा द्वारा फिर से गोरखालैंड की मांग उठाने के दिए जा रहे बयान पर मोर्चा के जन आंदोलन पार्टी के प्रमुख तथा कालिम्पोंग विधानसभा क्षेत्र के पूर्व विधायक हर्क बहादुर छेत्री ने कटाक्ष करते हुए कहा कि जब भी कोई चुनाव आता है, तो मोर्चा गोरखालैंड की आवाज उठाता है। वह रविवार को कोलकाता जाने के क्रम में बागडोगरा एयरपोर्ट पर संवाददाताओं से बात कर रहे थे। उन्होंने कहा कि पार्वत्य क्षेत्र में नगर निकाय व गोरखालैंड टेरिटोरियल एडमिनिस्ट्रेशन का चुनाव होने वाला है। जनता को गुमराह करने के लिए इस तरह की बयानबाजी की जा रही है।

उन्होंने राज्य सरकार द्वारा जीटीए के तहत हस्तांतरित किए जाने वाले विभागों का हस्तांतरण नहीं होने के लिए मोर्चा व राज्य सरकार दोनों को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि मोर्चा की अयोग्यता के चलते यह सब हो रहा है। अगर समझौते के मुताबिक विभागों का हस्तांतरण राज्य सरकार नहीं करती है, तो जो लोग जीटीए का संचालन कर रहे हैं, वे कोर्ट की शरण में जा सकते हैं। गोरखालैंड की मांग को लेकर पहाड़ पर फिर से अशांति होने की संभावना से उन्होंने इंकार करते हुए कहा कि पहाड़ पर कुछ नहीं होगा। जनता भी समझ चुकी है कि क्या होने वाला है। हालांकि क्या होने वाला है।

उन्होंने दार्जिलिंग पार्वत्य क्षेत्र में होने वाले नगर निकाय व जीटीए चुनाव में जन आंदोलन पार्टी द्वारा उम्मीदवार देने की बात कही हैं। उन्होंने कहा कि इन चुनावों में किसी भी दल से गठबंधन नहीं किया जाएगा। अपने बल पर ही चुनाव लड़ा जाएगा। जाप नेता ने कहा कि राज्य में सत्ताधारी पार्टी तृणमूल कांग्रेस के पास पैसा है तथा जीटीए का संचालन करने वालों के पास भी पैसा है। पैसे सिर्फ मेरे पास नहीं है। अगर ऐसा लगेगा कि हम चुनाव में नहीं सक पाएंगे, तो बैठ जाएंगे।

छेत्री ने निकट भविष्य में तृणमूल कांग्रेस अथवा किसी पार्टी में शामिल होने की संभावनाओं से पूरी तरह से इंकार करते हुए कहा कि अगर राजनीति करना होगा, तो जो जन आंदोलन पार्टी गठित किए हैं उसी में रहेंगे, नहीं तो राजनीति से सन्यास लेकर घर बैठ जाएंगे।


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