नोट ना होने से बैंक ग्राहकों को दे रहा सिक्के
जागरण संवाददाता,कर्सियाग:कालेधन के विरुद्ध कार्रवाई करते हुए केंद्र सरकार द्वारा की गई नोटबंदी के बा
जागरण संवाददाता,कर्सियाग:कालेधन के विरुद्ध कार्रवाई करते हुए केंद्र सरकार द्वारा की गई नोटबंदी के बाद पर खुदरा नोटों को लेकर उत्पन्न हुई समस्याओं के समाधान हेतु भारतीय स्टेट बैंक,कर्सियाग की प्रमुख शाखा द्वारा वर्तमान में 5 रुपये व 10 रुपये का डलर (सिक्का) लोगों को दिया जा रहा है। इस विषय में जानकारी देते हुए भारतीय स्टेट बैंक सिलीगुडी मोड्यूल के जोनल सचिव शकर राउत ने बताया कि खुदरा नोटों के बदले अभी बैंक में सिक्के आए हैं। इसलिए लोगों को बैंक द्वारा भुगतान करते वक्त खुदरा नोटों के अभाव में 5 रुपये व 10 रुपये का सिक्कों के साथ शेष रकम भुगतान की जा रही है।
उन्होंने बताया कि कुछ कारणों से 500 रुपये का नोट यहा के बैंकों में अभीतक नहीं पहुंचा है। 500 का नया नोट पहुंचते ही खुदरा नोटों की समस्या का समाधान हो जायेगा। कालेधन पर कार्रवाई करते नोटबंदी के केंद्र सरकार के निर्णय के बाद 500 रुपये व 1000 रुपये के पुराने नोटों को देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा अमान्य घोषित करने के बाद बैंकों में 2000 रुपये व 100 रुपये का नोट उपभोक्ताओं की सुविधा के लिए दिया गया था। अब बैंकों में 5 रुपये व 10 रुपये के सिक्के पहुंचे हैं। बैंक अधिकारियों के अनुसार सिक्कों के पहुंचने से काफी हद तक खुदरा नोटों की परेशानी कम होने की संभावना जताई है।
शहरी क्षेत्र के कुछ दुकानदारों द्वारा 10 रुपये के सिक्के को वर्तमान में नहीं लिये जाने के संदर्भ में पूछने पर उन्होंने कहा कि 10 रुपये का सिक्का पूर्णरूप से मान्य है। यदि कोई दुकानदार इसको लेने में आनाकानी करे तो कोई भी संबंधित व्यक्ति पुलिस से इसकी शिकायत कर सकता है। ऐसा करने पर उस दुकानदार के उपर आवश्यक कार्रवाई भी हो सकती है।
इधर कई दुकानदारों ने बताया कि वर्तमान में कर्सियाग के स्टेट बैंक से खुदरा नोटों के बदले लोगों को 5 रुपये व 10 रुपये का सिक्का दिया जा रहा है।
इसलिए आजकल अधिकतर ग्राहक आवश्यक सामानों की ख़रीदारी करते वक्त दुकानों में खुदरा नोटों के बदले 5 व 10 रुपये का सिक्का ही देकर खरीददारी कर रहे हैं। खुदरा नोटों के अभाव में एक हजार रुपये के सिक्के बैंक से प्राप्त करनेवाली एक अधेड़ महिला ने बताया कि सिक्कों को कई बार बाजार में दुकानदार लेने से मना तो कर ही देते हैं वहीं इनको लेकर चलने से बैग भी काफी भारी हो जाता है। महिला का कहना था कि बैंक यदि शीघ्र नए नोट देने की व्यवस्था कर ले तो उपभोक्ताओं को काफी सुविधा होगी।