केंद्र और राज्य सरकार श्रमिक विरोधी : श्यामल सेन
राजेश दो, तीन व चार -बैंक हड़ताल का यूनियन करेगी समर्थन -रक्तदान शिविर में लोगों ने लिया बढ़चढ
राजेश दो, तीन व चार
-बैंक हड़ताल का यूनियन करेगी समर्थन
-रक्तदान शिविर में लोगों ने लिया बढ़चढ़ कर भाग
जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी : केंद्र और राज्य सरकार श्रमिक विरोधी है। यहीं कारण की 11 ट्रेड यूनियनों और कई फेडरेशन के नेताओं ने दो सितंबर को भारत बंद का आह्वान कर रखा है। जिसे सफल बनाने के लिए श्रमिकों और यूनियन के नेताओं को जुटना होगा। यह कहना है सीटू के प्रदेश अध्यक्ष श्यामल सेन का। वे गुरुवार को मित्र सम्मेलिनी हॉल में आयोजित सेमिनार को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि शुक्रवार को देश व्यापी बैंक हड़ताल का यूनियन समर्थन करती है। उनके अलावे सेमिनार को यूनियन नेता विनय चक्रवर्ती, दिलीप दास, उज्ज्वल भौमिक, समन पाठक, रामेश्वर वक्सी, राणा बोस, नंदा सेन, अजीत सरकार आदि ने भी संबोधित किया। बताया गया कि नौ अगस्त को मुख्य डाकघर के सामने धरना-प्रदर्शन और 18 अगस्त को रेलवे एरिया मैनेजर कार्यालय के सामने ट्रेड यूनियन धरना देगी। एक सितंबर को सेंट्रल रैली निकाल बंद को सफल बनाने का नारा बुलंद किया जाएगा। चाय श्रमिकों की समस्या को प्रमुख रुप से इस बंदी में उठाया जाएगा। दो वर्ष के अंदर केंद्र सरकार श्रम कानूनों में मजदूर विरोधी परिवर्तन ला रही है। औद्योगिक विवाद अधिनियम, ठेका मजदूर अधिनियम, कारखाना अधिनियम,फैक्ट्री एक्ट, ट्रेड यूनियन एक्ट और प्रशिक्षु अधिनियम में संशोधन करके रखो और हटाओ लागू कर दिया गया है। अब बैंक को निजीकरण करने की तैयारी चल रही है। श्रमिक कानून को इतना लचीला बनाया जा रहा है कि कभी भी कोई मालिक मजदूरों को निकाल बाहर सकता है। बैंक कर्मचारियों ने बंद को सफल बनाने के लिए रक्तदान शिविर का आयोजन किया जिसमें बड़ी संख्या में कर्मी भाग लिया।