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भगवान तो भाव के भूखे होते हैं: साध्वी शंकुतला

जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी : श्री सुंदर साथ मद्भागवत कथा समिति के तत्वावधान में स्थानीय अग्रसेन भवन प

By Edited By: Published: Sat, 28 May 2016 10:50 PM (IST)Updated: Sat, 28 May 2016 10:50 PM (IST)
भगवान तो भाव के भूखे होते हैं: साध्वी शंकुतला

जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी : श्री सुंदर साथ मद्भागवत कथा समिति के तत्वावधान में स्थानीय अग्रसेन भवन परिसर में श्रीमद् भागवत कथा के मौके पर माता शंकुतला ने श्रीमद् भागवत कथा की महत्ता पर रोशनी डालते हुए कहा कि भागवत सुनने का अवसर हर किसी को नहीं मिलता है। जो किस्मत वाले होते हैं उन्हें कथा सुनने का अवसर उपलब्ध होता है। आगे उन्होंने कहा कि भगवान तो भाव के भूखे होते हैं। वे अपने भक्त की भक्ति को देखते हैं। सच्चे मन से की गई भक्ति हमेशा प्रभु को लुभाती है। इसलिए हमेशा सच्चे मन से भगवान प्रार्थना करनी चाहिए। वो सदैव अपने भक्तों की सुनते हैं। इसलिए दिल से उस प्रभु का स्मरण करना चाहिए। भक्ति भाव करते वक्त किसी प्रकार का ढोंग, पाखंड करने की आवश्यकता नहीं हैं। उस परमात्मा को पाने के लिए सच्ची लगन होनी चाहिए। तभी जीवन की नैया पार हो पाएगी। जहां कहीं भी हो मन उस प्रभु की भक्ति में लगा होना चाहिए। गृहस्थी के नियमों को पालन करते हुए भी उस प्रभु का नाम लिया जा सकता है। इसी क्रम में भजनों की धारा भी बहती रही। ऐसा रंग जमा कि श्रद्धालु भक्ति रस से सरोबार नजर आए। कथा दो जून तक चलेगी।


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