'चालकों से माफी मांगें विमल गुरुंग'
संवाद सूत्र, कालिम्पोंग : जन आंदोलन पार्टी के कार्यकर्ताओं को लेकर दार्जिलिंग गए दो वाहनों के चालकों
संवाद सूत्र, कालिम्पोंग : जन आंदोलन पार्टी के कार्यकर्ताओं को लेकर दार्जिलिंग गए दो वाहनों के चालकों की मोर्चा समर्थकों द्वारा पिटाई किए जाने की घटना निंदनीय है। यह केवल दो चालकों की पिटाई नहीं, बल्कि कालिम्पोंग क्षेत्र के वाहन चालकों का अपमान है। घटना के समय पार्टी कार्यालय में जीटीए प्रमुख अन्य सभासदों के साथ बैठक कर रहे थे। उनकी कार्यालय में उपस्थिति के बावजूद कार्यालय के समीप ही ऐसी घटना घटी, इसके लिए विमल गुरुंग चालकों से माफी मांगें। उक्त उद्गार जाप अध्यक्ष डॉ. हर्क बहादुर छेत्री ने व्यक्त किए। वह बुधवार को पत्रकारों से बात कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि 24 घंटे के अंदर विमल के माफी न मांगने की स्थिति में हम काले झंडे लेकर विरोध प्रदर्शन करने को विवश होंगे। वाहनों एवं दुकानों पर काले झंडा लगाए जाएंगे। वाहन चालक किसी भी दल के समर्थकों को लेकर कहीं भी जा सकते हैं। इसका मतलब यह नहीं कि चालकों के साथ मारपीट किया जाए। डॉ. छेत्री ने घटना के संबंध में कहा कि पंचायत चुनाव कराए जाने की मांग को लेकर जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचे कार्यकर्ताओं को छोड़कर वाहन चालक सिंहमारी स्थित मोर्चा कार्यालय की ओर चले गए। इसी दौरान छह से सात की संख्या में गोजयुमो समर्थकों ने वाहनों पर जाप का झंडा लगा देखकर वाहन चालकों के साथ अभद्रता शुरू कर दी और उनकी पिटाई कर दी व एक वाहन क्षतिग्रस्त कर दिया। चार दिन पूर्व मंगल सिंह राजपूत की शहीद बेदी पर तोड़-फोड़ की कड़ी भर्त्सना करते हुए उन्होंने न्यायिक जांच कर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की व कहा कि राजपूत सही मायनों में गोरखालैंड के हिमायती थे। राज्य के लिए स्वयं को गोली मारने का एलान करने वाले आज भी जीवित हैं, परंतु राजपूत ने कभी आत्मदाह की बात किए बगैर अपने प्राणों की आहुति दे दी। ऐसे शहीद की शहीद बेदी पर तोड़-फोड़ निंदनीय है।
चालकों की पिटाई से युवा भी आक्रोशित : दार्जिलिंग में वाहन चालकों की पिटाई से जाप के युवा भी आक्रोशित हैं। जाप युवा प्रकोष्ठ के आमिर बस्नेत ने चालक हितों की बात करने वाले चालक महासंघ से भी यह मुद्दा उठाने की अपील की व आरोप लगाया कि जीटीए के मुख्य कार्यालय लाल कोठी में आम जनता को प्रवेश नहीं दिया जाता। जनता की सेवा के लिए बने कार्यालय में जनता को प्रवेश न दिया जाना दुर्भाग्यपूर्ण है।