'स्वच्छ रेल अभियान' के तहत की सफाई
संवाद सूत्र, दार्जिलिंग : विश्व विरासत दिवस के अवसर पर 18 अप्रैल को आहूत स्वच्छ रेल अभियान के तहत शु
संवाद सूत्र, दार्जिलिंग : विश्व विरासत दिवस के अवसर पर 18 अप्रैल को आहूत स्वच्छ रेल अभियान के तहत शुक्रवार को विश्व विरासत सूची में शामिल डीएचआर के दार्जिलिंग रेलवे स्टेशन की सफाई की गई। जिसमें विभागीय अधिकारियों एवं कर्मचारियों के साथ ही विद्यार्थियों एवं सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने सहभागिता की।
अभियान के तहत डीएचआर की नैरो गेज पटरी के साथ ही स्टेशन परिसर की भी सफाई की गई। अधिकारियों, कर्मचारियों, विद्यार्थियों एवं सामाजिक संगठनों से जुड़े प्रतिनिधियों ने रेल पटरी के इर्द-गिर्द झाड़ू लगाने के साथ ही कूड़ा-कचरा एकत्रित किया। जिसे निर्दिष्ट स्थान पर निस्तारित कर दिया गया है। जानकारी के अनुसार भारतीय रेल ने विश्व विरासत दिवस के उपलक्ष्य में 16 से 30 अप्रैल तक देश की सभी विरासत रेल में सफाई को स्वच्छ रेल अभियान का एलान किया था। जिसके तहत दार्जिलिंग हिमालयन रेल के सुकना, कर्सियांग, रिंगटांग स्टेशन आदि की सफाई पहले ही की जा चुकी है। शुक्रवार को दार्जिलिंग की बारी थी।
1881 में शुरू हुई थी रेल सेवा : गौरतलब है कि डीएचआर के साथ ही हिमाचल प्रदेश की कालका शिमला रेल (केएसआर), एमएमआर एवं मुंबई का छत्रपति शिवाजी टर्मिनल यूनेस्को की विश्व विरासत सूची में शामिल हैं। नैरोगेज लाइन के माध्यम से दार्जिलिंग को सिलीगुड़ी से जोड़ने वाली रेल सेवा का शुभारंभ सन 1881 में हुआ था। जिसे यूनेस्को ने दो दिसंबर 1999 को विश्व विरासत सूची में शामिल किया। बीच में एक दौर ऐसा भी आया, जब डीएचआर को अस्तित्व बचाने के लिए जूझना पड़ा। डीएचआर ने ट्वॉय ट्रेन की ज्वॉय राइड, जंगल सफारी का शुभारंभ करने के साथ ही वाष्प एवं डीजल इंजन से सफर का विकल्प उपलब्ध कराया। जिसे सैलानियों ने बेहद पसंद किया।