'सरकारी ऑडिट का स्वागत करेगा जीटीए'
संवाद सूत्र, दार्जिलिंग : जीटीए के माध्यम से खर्च की गई धनराशि की यदि राज्य सरकार ऑडिट कराती है, तो
संवाद सूत्र, दार्जिलिंग : जीटीए के माध्यम से खर्च की गई धनराशि की यदि राज्य सरकार ऑडिट कराती है, तो जीटीए इसका स्वागत करेगा। केंद्र एवं राज्य सरकार के साथ गोजमुमो द्वारा समझौता पत्र पर हस्ताक्षर के बाद स्वशासन व्यवस्था के तौर पर अस्तित्व में आए जीटीए के कार्यो में किसी भी तरह का कोई भ्रष्टाचार नहीं हुआ है। उक्त उद्गार मोर्चा महासचिव एवं जीटीए के कार्यकारी सभासद रोशन गिरी ने शनिवार को प्रेस विज्ञप्ति जारी कर व्यक्त किए हैं।
उन्होंने सरकार द्वारा ऑडिट कराए जाने की स्थिति में सरकार की पोल खोलने का दावा करते हुए कहा कि ऑडिट में विभागीय योजनाओं एवं विकास कार्यो में राज्य सरकार द्वारा अटकाए जाने वाले रोड़े जनता के सामने आ जाएंगे। गिरी ने कहा कि पर्वतीय क्षेत्र में विकास बोर्ड बनाकर राज्य सरकार ने 131 करोड़ रुपये की धनराशि खर्च की है। विकास कहां हुआ, यह जनता भी देख रही है और जीटीए कोि भी पता है। उक्त धनराशि कहां खर्च की गई है, हमारे पास इसके पर्याप्त साक्ष्य हैं। वहीं, लंबे अरसे से शांत चल रहे मोर्चा के सहायक सचिव विनय तमांग ने भी मौन तोड़ दिया है। उन्होंने भी प्रेस विज्ञप्ति जारी कर जन आंदोलन पार्टी एवं तृणमूल कांग्रेस को एक-दूसरे का पर्याय बताया है। तमांग ने कहा कि कालिम्पोंग के विधायक डॉ. हर्क बहादुर छेत्री तृणमूल कांग्रेस के साथ ही विधानसभा चुनाव लड़ना चाहते हैं। जो गोरखा अस्मिता के खिलाफ है। उन्होंने जाप को जाति विरोधी पार्टी करार देते हुए कहा कि कुछ पार्ट टाइम नेता एवं सिलीगुड़ी तराई डुवार्स भारतीय नेपाली डेवलपमेंट फोरम समेत कुछ संगठन सहयोग कर रहे हैं, परंतु इससे कुछ होने वाला नहीं है। तमांग ने कहा कि प्रवीण सिंह, मधुसूदन थापा समेत मोर्चा से पहले ही बहिष्कृत किए जा चुके नेताओं के समर्थन से कुछ होने वाला नहीं है।