Move to Jagran APP

शिशु अपराध की सुनवाई को विशेष न्यायालय जरूरी

संवाद सूत्र, दार्जिलिंग : जिले में कुल 158 आपराधिक मुकदमे शिशुओं के उपर विभिन्न अदालतों में विचाराधी

By Edited By: Published: Fri, 05 Feb 2016 09:38 PM (IST)Updated: Fri, 05 Feb 2016 09:38 PM (IST)
शिशु अपराध की सुनवाई को विशेष न्यायालय जरूरी

संवाद सूत्र, दार्जिलिंग : जिले में कुल 158 आपराधिक मुकदमे शिशुओं के उपर विभिन्न अदालतों में विचाराधीन हैं। जिले में 28 होम्स संचालित हो रहे हैं, वहीं लोगों एवं पुलिस के जागरूक होने व लंबित मामलों को देखते हुए विशेष न्यायालय जरूरी हो जाता है। जिलाधिकारी कार्यालय के सभागार में शुक्रवार को दार्जिलिंग डिस्ट्रिक्ट चाइल्ड प्रोटेक्शन यूनिट एवं व‌र्ल्ड विजन कालिम्पोंग द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित 'ओरिएंटेशन कम सेंसिटाइजेशन ऑन पीओसीएसओ एंड चाइल्ड प्रोजेक्शन प्रोग्राम' में अधिकतर वक्ताओं के वक्तव्य का यही सार रहा।

loksabha election banner

पोक्सो कानून की जानकारी देने के उद्देश्य से आयोजित कार्यशाला में वक्ताओं ने कहा कि शिशुओं पर आपराधिक मामलों की सुनवाई सेशन कोर्ट में हो रही है। अब तक 158 मामले दर्ज हैं, वहीं अपराध में निरंतर वृद्धि भी हो ही रही है। इनमें से महज 10 मामलों की ही सुनवाई हो सकी है। ऐसे में विचाराधीन मामलों की संख्या भी दिन-ब-दिन बढ़ती ही जा रही है। ऐसे में विशेष न्यायालय की जरूरत शिद्दत से महसूस की जा रही है। मृणाल घोष ने कहा कि देश की आबादी में शिशुओं की भागीदारी 42 फीसदी है। ऐसे में चाइल्ड ट्रैफिकिंग, बाल श्रम, दुष्कर्म आदि के कारण ही शिशु अपराध के मामले बढ़ रहे हैं। उन्होंने कालिम्पोंग नपा के 10 वार्ड पूरी तरह से बाल श्रम मुक्त होने की जानकारी दी व इसकी सराहना। उन्होंने पीओसीडीओ के चलते मामलों से आठ लाख 48 हजार रुपये की राशि एकत्रित किए जाने की जानकारी दी व कहा कि लेबर वेलफेयर फंड के जरिए उक्त धनराशि पीड़ित शिशुओं के उपर खर्च की जा रही है। वहीं, शिशु बाल अपराध कांड के लिए डिवीजनल जस्टिस बोर्ड ने जिला, प्रखंड, ग्रामीण स्तर पर चाइल्ड प्रोटेक्शन कमेटी के जरिए कार्य करने की जानकारी दी। इस दौरान अतिरिक्त जिलाधिकारी पुष्पेंदु मित्र के साथ ही विभिन्न सरकारी एवं गैर सरकारी संगठनों के प्रतिनिधि उपस्थित थे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.