चिटफंड के मुद्दे पर गर्माया शहर
जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी :
सारधा व अन्य चिटफंड कंपनियों द्वारा राज्य की जनता के अरबों रुपये हड़प लेने के मुद्दे पर सोमवार को शहर का माहौल काफी गर्म रहा। कांग्रेसियों ने जहां जुलूस निकालकर मुख्यमंत्री का पुतला फूंका, वहीं वामपंथी ट्रेड यूनियन, महिला समिति व युवाओं ने रैली निकालकर घोटालेबाजों को गिरफ्तार करने एवं पीड़ितों को न्याय की मांग। दोनों संगठनों ने कहा कि चिटफंड मामले की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को अपने पद से इस्तीफा देना चाहिए।
दार्जिलिंग जिला कांग्रेस की ओर से शहर में निकाली गई प्रतिवाद रैली में शामिल लोगों ने हाशमी चौक, हिलकार्ट रोड, सेवक मोड़ होते हुए पुन: हाशमी चौक तक परिभ्रमण किया। इसके साथ ही हाशमी चौक पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का पुतला फूंक कर विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान प्ले कार्ड पर लिखी उक्तियों को प्रदर्शित करते हुए एवं नारेबाजी करते हुए प्रदर्शनकारियों ने सारधा व अन्य चिटफंड कंपनियों द्वारा 17 लाख निवेशकों के प्रताड़ित होने, उनकी खून-पसीने की गाढ़ी कमाई का गबन होने के लिए मुख्यमंत्री को ही जिम्मेदार ठहराया व उनसे अविलंब पद त्याग की मांग की। प्रदर्शनकारियों ने 'लुटेर रानी ममता.. मानुष तोमाय छाड़बे ना' (लूट की रानी ममता.. जनता तुमहें छोड़ेगी नहीं) के नारे लगाए तथा सारधा समेत चिटफंड कंपनियों के मालिकों को गिरफ्तार कर कड़ी से कड़ी सजा दिए जाने और आम निवेशकों की निवेश की गई राशि उन्हें अविलंब लौटाए जाने की मांग की। इस बाबत दार्जिलिंग जिला कांग्रेस महासचिव जीवन मजूमदार ने कहा कि हमारी मांगों पर अविलंब अमल नहीं किया गया तो हम और जोरदार आंदोलन करने को बाध्य होंगे। इस विरोध प्रदर्शन में कांग्रेस नेता सुबीन भौमिक समेत सैकड़ों कांग्रेस समर्थक शामिल हुए।
इसी क्रम में दूसरी रैली शाम को वामपंथी ट्रेड यूनियन, महिला संगठन और युवा संगठनों द्वारा अनिल विश्वास भवन से निकली गई जो सेवक मोड़ होते हुए विधानमार्केट व हाशमी चौक से गुजरी। इसमें सैकड़ों की संख्या में पार्टी नेता व समर्थक शामिल थे। रैली का नेतृत्व कर रहे अजीत सरकार, शंकर घोष, जीवेश चौबे, पार्था मैत्र, स्दिग्धा हाजरा ने कहा कि सारधा चिटफंड के नाम पर जनता के करोड़ों रुपये की लूट की गयी। इसे लूटने वाला कोई और नहीं परिवर्तन की सरकार के गलियारे में रह रहे कुछ नेता और मंत्री है। यहीं कारण है कि सीबीआइ से सरकार इस पूरे मामले की जांच नहीं करा रही थी। न्यायालय के निर्देश पर इसकी जांच जब सीबीआइ ने संभाली तो पर्दा उठने लगा है। इस कांड के सभी दोषियों को सीबीआइ न सिर्फ गिरफ्तार करे बल्कि दोषियों की संपत्ति को बेचकर लोगों को पैसा मुहैया कराया जाए। ऐसा नहीं हुआ तो पूजा के बाद वाममोर्चा द्वारा लगातार आंदोलन किया जाएगा।
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राजेश 15
चिटफंड कंपनी की निदेशिका को नहीं मिली जमानत
-कोर्ट परिसर में अमानकारियों ने किया प्रदर्शन, अगली पेशी 29 को
जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी : सुमंगल चिटफंड की निदेशिका मधुमिता अधिकारी को 14 दिनों बाद सोमवार को कोर्ट में पेश किया गया जिसे जमानत नहीं देकर जेल भेज दिया गया। इस मामले की अगली सुनवाई 29 सितंबर को की जाएगी। आरोपी की पेशी के दौरान चिटफंड पीड़ित सैकड़ों लोगों ने कोर्ट परिसर में प्रदर्शन किया। पुलिस के काफी समझाने के बाद प्रदर्शनकारी पुरुष व महिलाएं शांत हुए। प्रदर्शनकारियों का नेतृत्व कर रहे आलोकेश चक्रवर्ती ने कहा कि इस कंपनी ने उत्तर बंगाल से करोड़ों रुपये लूट लिए हैं। सारधा चिटफंड को लेकर चल रहे हंगामे के बीच यह कंपनी रातों-रात उत्तर बंगाल से अपने सभी कार्यालय बंद कर नौ दो ग्यारह हो गई। हमारी मांग है कि जल्द से जल्द सरकार सभी पैसा जमा करने वालों को उसका पैसा वापस करे व दोषियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई करे। ऐसा नहीं होने पर इसको लेकर लगातार आंदोलन किया जाएगा।