द्विपक्षीय बैठक में छाया रहा स्वायत्तता का मुद्दा
संवाद सूत्र, कालिम्पोंग : जीटीए संचालन से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर हुई बैठक में जीटीए की स्वायत्तता का मुद्दा हावी रहा। रोशन गिरि के नेत़ृत्व में मिले जीटीए के प्रतिनिधियों ने इसके संचालन में सरकारी हस्तक्षेप का विरोध करने के साथ ही सरकारी विभागों का अब तक हस्तांतरण न होने सहित विभिन्न विषयों पर दमदारी से अपनी नाराजगी जाहिर की। विभिन्न विकास प्रखंडों को भी जीटीए के तहत लाने के साथ ही केंद्र सरकार को लेकर त्रिपक्षीय बैठक बुलाने की मांग करते हुए जीटीए प्रतिनिधियों ने इसके लिए 15 अक्टूबर की तिथि प्रस्तावित की है। सोमवार को क्षेत्र के दुरबिन के पास स्थित सर्किट हाउस में राज्य के मुख्य सचिव संजय मित्र के साथ लगभग डेढ़ घटे तक चली बैठक के बाद जीटीए प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करने वाले मोर्चा महासचिव रोशन गिरि ने इस बैठक को सौहार्दपूर्ण बताया। तो वहीं राज्य के मुख्य सचिव संजय मित्र ने बैठक को अच्छा बताते हुए इस संबंध में जानकारी देने से इंकार कर दिया। उन्होंने कहा कि हमें द्विपक्षीय शासन नहीं चाहिए। साथ ही बताया कि इस दौरान पिछली बैठक में सहमति से लिए गए फैसलों पर अब तक हुई कार्रवाई, अनुसूचित जाति एवं जनजातियों को जीटीए में आरक्षण, दागोपाप काल से कार्यरत अस्थाई कर्मचारियों को नियमित करने, केंद्रीय विश्वविद्यालय की स्थापना, कर में छूट, सरकारी अनुदान समेत कई विषयों पर भी चर्चा की गई। गिरि ने कहा कि इसके अलावा गोरखालैंड आंदोलन के दौरान मोर्चा नेताओं व कार्यकर्ताओं पर लगे विभिन्न अभियोगों को भी वापस लेने की मांग की। जिसपर मुख्य सचिव ने मामलों की जांच कर उचित कदम उठाने का आश्वासन दिया। मोर्चा महासचिव ने बताया कि आंदोलन काल के बकाया बिजली बिल का मामला भी उठा। जिस पर सरकार के प्रतिनिधियों ने ब्याज माफी के साथ 12 किश्तों में भुगतान का प्रस्ताव रख दिया। जिसे हमने नामंजूर कर दिया है। साथ ही उन्होंने बताया कि अस्थाई कर्मचारियों को नियमित करने के लिए समिति गठित करने का आश्वासन भी मिला है। कॉलेज सर्विस कमीशन व स्कूल सर्विस कमीशन के संबंध में पूछे जाने के संबंध में मोर्चा महासचिव ने कहा कि इस विषय पर जीटीए सभा में चर्चा कर निर्णय लिया जाएगा। इस बैठक के दौरान जीटीए की ओर रोशन गिरि के अलावा विनय तमांग, डा. आरबी भुजेल, विधायक त्रिलोक देवान, गौतम घोष, डन बस्को लेप्चा मौजूद रहे। तो वहीं सरकार की ओर से राज्य के मुख्य सचिव मित्र के अलावा गृह सचिव वासुदेव बनर्जी, कमिश्नर वरूण रॉय व जिलाधिकारी पुनीत यादव के अलावा स्थानीय महकमा अधिकारी भी उपस्थित रहे।
गौरतलब है कि लोकसभा चुनावों के समय से ही मोर्चा एवं तृकां के संबंध बेहद खराब हो गए थे। जिसका नकारात्मक प्रभाव जीटीए संचालन पर भी पड़ रहा था। जिसे देखते हुए सरकार ने द्विपक्षीय बैठक बुलाई थी। जिसके बाद जीटीए प्रमुख विमल गुरुंग, बैठक में शामिल न होने का ऐलान कर नई दिल्ली चले गए थे। जिससे इसपर संशय की स्थिति उत्पन्न हो गई थी।