देशी पर भारी विदेशी स्वाद
जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी :
उत्तर बंगाल के अनानास उत्पादक इन दिनों बड़ी मुसीबत झेल रहे हैं। मौसम ने उनके अनानास का स्वाद फीका कर दिया है, इसी लिए विदेशी अनानास की बिक्री अधिक हो रही है। किसानों का कहना है कि इस बार समुचित बारिश नहीं होने के चलते अनानास की फसल चौपट हो गई है। उत्पादन तो ठीकठाक हुआ लेकिन अनानास आकार में बहुत छोटे हो गए। मिठास भी कम हो गई। पहले जहां यहां का अनानास कम से कम डेढ़ दो किलोग्राम का होता था और 35 से 40 रुपए पीस बिकता था वहीं इस बार इसका आकार एक किलोग्राम से अधिक नहीं है और 10-15 रुपए में भी इसे कोई पूछने वाला नहीं है। ऐसे में असम मेघालय व थाईलैंड से आयातित अनानास की बिक्री चरम पर है, क्योंकि वे आकार में बड़े, रसीले व मिठास से भरपूर हैं।
उत्तर बंग अनानास चासी संगठन के सचिव अरूण मंडल कहते हैं कि यहां के अनानास व्यापार का सालाना टर्नओवर लगभग 250 करोड़ रुपए है। मगर, इस बार मौसम व ग्राहकों की बेरुखी के चलते वह 150 करोड़ रुपए तक भी शायद ही पहुंच पाए। कम से कम 100 करोड़ रुपए का नुकसान निश्चित है। उनका कहना है कि गत वर्ष यहां से 5.43 लाख मिट्रिक टन अनानास का उत्पादन हुआ था। इस बार भी अब तक लगभग तीन लाख मिट्रिक टन अनानास का उत्पादन हो चुका है। मगर फिर भी हालात बेहद खराब हैं। यदि यहां आनानास प्रसंस्करण केंद्र होता तो ऐसी नौबत ही पैदा नहीं होती। किसान सीधे बाजार व ग्राहकों को केवल अनानास का फल ही बेचने को मजबूर नहीं होते। उसके जैम, जेली व और भी तरह-तरह के उत्पाद तैयार कर अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता। मगर वह है नहीं। यही वजह है कि यहां विधान नगर समेत पूरे उत्तर बंगाल में लगभग 20 हजार हेक्टेयर जमीन पर अनानास की खेती करने वाले लगभग 29 हजार किसान व उनके आश्रित जी तोड़ मेहनत करने के बावजूद परेशान हैं।