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रेगुलेटेड मार्केट में दूसरे दिन भी नहीं शुरू हुआ काम

By Edited By: Published: Wed, 30 Jul 2014 10:31 PM (IST)Updated: Wed, 30 Jul 2014 10:31 PM (IST)

जागरण संवाददाता : रेगुलेटेड मार्केट में दूसरे दिन भी कामकाज नहीं शुरू हो पाया। इसे शुरू कराने के लिए मलिक और मजदूर पक्ष के बीच द्विपक्षीय वार्ता हुई लेकिन गतिरोध कायम रहा। उधर काम नहीं शुरू होने पर मालिक पक्ष ने श्रम विभाग से गुहार लगाने की बात कही है।

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उल्लेखनीय है कि मार्केट के आलू प्याज पट्टी में मजदूरी के सवाल पर सोमवार से बंद कामकाज को लेकर बुधवार को एसडीओ सिलीगुड़ी के यहां देर शाम तक बैठक हुई। बैठक में फोसिन समेत कई ट्रेड यूनियन के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। बैठक में विश्वजीत दास, अरुप रतन घोष, सुब्रत दास, राधेश्याम गुप्ता, रामावतार प्रसाद, पवन कुमार साह आदि प्रमुख रुप से शामिल थे। बैठक में दोनों पक्षों ने एक दूसरे पर आरोप लगाते हुए अपने-अपने कागजात दिखाए। कागजात के आधार पर जब एसडीओ ने पूर्व की मजदूरी लेते हुए काम करने को कहा तो मजदूर यूनियन के लोग बैठक से बाहर निकल गए। उन्होंने वहां से लौटने के बाद मार्केट में जुलूस निकालकर नारे लगाए। सिलीगुड़ी आलूपट्टी पोटैटो ओनियन मर्चेंट एसोसिएशन के सचिव रामावतार प्रसाद का कहना है कि पहले से यहां लोडिंग अनलोडिंग के लिए 3:20 रुपए प्रति बोरा मजदूरी निर्धारित है। यह समझौता मार्च 2015 तक का है। मजदूर यूनियन का नया समझौता कहीं हुआ है उसके अनुसार सात रुपए और 10 रुपये प्रति बोरा भुगतान करने को कहा गया है। इसी दर पर मजदूर मजदूरी की मांग कर रहे हैं। एसोसिएशन का कहना है कि नए नियम की बात तब मानी जाएगी जब मार्च में पुराना अनुबंध समाप्त होगा। वहीं दूसरी ओर सिलीगुड़ी स्थायी अस्थायी वर्कर्स एंड मजदूर यूनियन के अध्यक्ष पवन कुमार साह का कहना है कि समझौता वर्ष 2012 में समाप्त हो चुका है। इसको लेकर 12 जुलाई को एसडीओ को दस सूत्री मांग पत्र सौंपकर मजदूरी बढ़ाने की मांग की गई थी। इसकी जिम्मेदारी फोसिन को सौंपते हुए एसडीओ ने 22 जुलाई को बैठक कर रिक्शा, ठेला वैन पर लोडिंग अनलोडिंग के लिए प्रति बोरा 7:45 रुपए तथा अन्य वाहनों में 10:30 रुपए तय किया। इसके अनुसार भुगतान करने से मालिक पक्ष मना कर रहे थे। व्यापारियों का कहना है कि अगर मजदूर इस बात को नहीं मान गुरुवार को भी काम पर नहीं आते है तो इसकी शिकायत श्रम विभाग और एसडीओ से की जाएगी। फोसिन के महासचिव विश्वजीत दास का कहना है कि यह विवाद एसडीओ के पास आया है। सभी यूनियन बैठक कर इसका सर्वमान्य हल निकालेंगे। प्रशासन और यूनियन द्वारा लिए गए निर्णय की बात कोई नहीं मानता है तो उसके खिलाफ आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।


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