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इलाज में लगे पैसे वापस करेगा स्वास्थ्य विभाग

By Edited By: Published: Mon, 28 Jul 2014 09:39 PM (IST)Updated: Mon, 28 Jul 2014 09:39 PM (IST)
इलाज में लगे पैसे वापस करेगा स्वास्थ्य विभाग

जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी : इंसेफ्लाइटिस पीड़ितों के लिए एक राहत भरी खबर है। शासन के निर्देश पर राज्य के चिकित्सा शिक्षा विभाग के निदेशक प्रोफेसर सुशांत बनर्जी ने सोमवार को यहां घोषणा की है कि इंसेफ्लाइटिस से पीड़ित मरीजों के इलाज पर होने वाला पूरा खर्च स्वास्थ्य विभाग उन्हें वापस करेगा। इसके लिए उन्हें खर्च का पूरा ब्योरा प्रस्तुत करना होगा। साथ ही यह निर्देश भी दिया गया है कि उत्तर बंगाल के विभिन्न जिलों से इंसेफ्लाइटिस के रोगियों को मेडिकल कॉलेज अस्पताल रेफर नहीं किया जाएगा। उनके इलाज की व्यवस्था जिलों में ही सुनिश्चित की जाएगी। ईद का अवकाश होने के बावजूद मंगलवार को सभी अस्पताल खुले रहेंगे। इसके लिए सभी डॉक्टरों एवं स्वास्थ्य कर्मियों की छुट्टियां रद कर दी गई हैं।

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उन्होंने बताया कि उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज में भर्ती इंसेफ्लाइटिस के मरीजों पर नजर रखने के लिए वह एनबीएमसीएस में डटे हुए हैं। फिलहाल यह बीमारी अब पूरी तरह से नियंत्रण में है, हालांकि सोमवार को भी एक इंसेफ्लाइटिस पीडि़त मरीज की मौत हुई है। यह मरीज जापानी इंसेफ्लाइटिस से पीडि़त था। डीएमई प्रोफेसर बनर्जी के अनुसार एनबीएमसीएच में इंसेफ्लाइटिस के 43 मरीज अभी भी भर्ती हैं।

हमारे कूचबिहार प्रतिनिधि के अनुसार एमजेएन अस्पताल के अधीक्षक डा. जयदेव बर्मन ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग के निर्देशानुसार अस्पतालों के चिकित्सक एवं स्वास्थ कर्मियों की छुट्टियां रद कर दी गई हैं। अस्पताल के आउटडोर का फीवर क्लिनिक शाम चार बजे तक खुला रहेगा। साथ ही अस्पताल में रक्त जांच के लिए लैबोरेटरी को भी रात दस बजे तक खुला रखने का निर्देश दिए गए हैं। जिले के मुख्य स्वास्थ अधिकारी डा. शुभाशीष साहा ने बताया कि कूचबिहार सदर एमजेएन अस्पताल में इंसेफ्लाइटिस के मरीजों के इलाज के लिए पर्याप्त व्यवस्था है।

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लापरवाही पर होगी कड़ी कार्रवाई: कृष्णेन्दु

संवाद सूत्र, मालदा : जिला स्वास्थ विभाग द्वारा सोमवार को मालदा टाउन हॉल में आयोजित एक कार्यशाला में खाद्य प्रसंस्करण मंत्री कृष्णेन्दु नारायण चौधरी ने स्वीकार किया कि स्वास्थ कर्मियों का एक ग्रुप अपना काम ठीक तरह से नहीं कर रहा है, और न ही सरकार को ठीक तरह से रिपोर्ट रहा है। ऐसे कर्मचारियों को चिह्नित कर सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि पूरे उत्तर बंगाल में इंसेफ्लाइटिस पीड़ितों की संख्या 400 से अधिक है। ऐसे में कुछ नेताओं के रहमो करम पर नौकरी कर रहे और काम में लापरवाही बरत रहे स्वास्थ्य कर्मियों से सख्ती से निपटा जाएगा।

उन्होंने बताया कि अबतक मालदा में इंसेफ्लाइटिस का मामला सामने नहीं आया है। शहर में जहां सूअर फार्म हैं, उन इलाकों की पहचान की गई है। सूअर पालने वालों को क्षेत्र से सूअरों को हटाने का निर्देश दिया गया है। यदि नहीं हटाया जाता है तो सुअरों को गोली मार दी जाएगी। शहर के प्रत्येक वार्डाें में सफाई अभियान शुरू हुआ है। नालों की सफाई की जा रही है। यहां रविवार रात को बुखार की शिकायत पर हरिश्चंद्रपुर निवासी मनोज राम (32) नामक एक व्यक्ति मालदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया है। मालदा मेडिकल कॉलेज के वाइस प्रिंसिपल डा. एम रशीद ने कहा कि इस व्यक्ति के रक्त के नमूने की जांच की गई है। अभी तक रिपोर्ट नहीं आई है।

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चार सौ सुअर जलपाईगुड़ी भेजे

सिलीगुड़ी: उत्तर बंग उन्नयन मंत्री गौतम देव ने बताया कि इंसेफ्लाइटिस के मामले को देखते हुए सिलीगुड़ी व आस-पास के क्षेत्रों से चार सौ सुअरों को जलपाईगुड़ी जिला अंतर्गत मैनागुड़ी के रामसई में शिफ्ट किया गया है। वहां पर भी जगह छोटी पड़ रही है, इस लिए कहीं और जगह की तलाश की जा रही है, ताकि बस्ती इलाकों से सुअरों को दूर रखा जा सके। उन्होंने कहा कि बस्ती इलाकों में सुअर पालन नहीं होने दिया जाएगा।


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