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मंत्री की डाट फटकार से रो पड़े दिव्यांग परिवार

- तपन के विधायक बच्चू हांसदा पर लगा यह आरोप - पीड़ित परिवार बालुरघाट ब्लाक के डांगा ग्राम पंचायत के

By JagranEdited By: Published: Fri, 05 May 2017 07:09 PM (IST)Updated: Fri, 05 May 2017 07:09 PM (IST)
मंत्री की डाट फटकार से रो पड़े दिव्यांग परिवार
मंत्री की डाट फटकार से रो पड़े दिव्यांग परिवार

- तपन के विधायक बच्चू हांसदा पर लगा यह आरोप

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- पीड़ित परिवार बालुरघाट ब्लाक के डांगा ग्राम पंचायत के अंतर्गत बदलपुर गांव का निवासी

- मंत्री अपने उपर लगे आरोपों को बताया गलत

संवादसूत्र, बालुरघाट : राज्य की ममता सरकार गरीबों के लिए एक से बढ़कर एक बढ़े दावे कर रही है। ऐसे में उनके ही एक मंत्री का अलग चेहरा सामने आया। एक दिव्यांग परिवार जब उनसे फोन पर मदद मांगने के लिए गुहार लगाई, तो उन्होंने फोन पर ही पीड़ित परिवार को डाट फटकार लगाई। इसे सुनकर पीड़ित परिवार रोने लगे। यह मंत्री और कोई नहीं, बल्कि उत्तर बंग उन्नयन विभाग के राज्य मंत्री बच्चू हांसदा का है। ये दक्षिण दिनाजपुर जिले के तपन के विधायक भी है। हालांकि इस आरोप के बारे में पूछे जाने पर उन्हें साफ मना कर दिया। उन्होंने कहा कि यह गलत है।

मालूम हो कि दक्षिण दिनाजपुर जिले के बालुरघाट ब्लाक के डांगा ग्राम पंचायत के अंतर्गत बदलपुर गांव है। उस गांव में पेशे से राज मिस्त्री चंचल मंडल व उनकी पत्‍‌नी मीना मंडल है। उनके एक पुत्र व पुत्री है। जिसमें 21 साल की लड़की मामुनी मंडल जन्म से ही दिव्यांग है। शुरू से ही वह बेड पर है। वही राजू मंडल 17 साल का है। सात साल पहले वह ठीक था। वह पास गांव के स्कूल में पढ़ता था। लेकिन अचानक किसी रोग से पीड़ित होकर धीरे धीरे उसने बिस्तर पकड़ लिया। वर्तमान में उसकी हालत कौमे की तरह हो गई है। अपने दोनों बच्चों को लेकर परिवार काफी समस्या में है। कभी भोजन मिलता है तो कभी खाली पेट सोना पड़ता है। कुछ जमीन थी, जो बेटी के इलाज में खत्म हो गई। वही बेटी को चिकित्सक का कहना है कि वह जन्मजात दिव्यांग ही रहेगी। वही बेटे के बारे में चिकित्सक का मानना है कि अगर उसका इलाज सही रूप से किया तो वह ठीक हो सकता है। इसे देखकर उसके परिवार इलाज करवाएं जा रहे है। जो भी था सब खत्म हो गया है। ऐसी परिस्थिति में पीड़ित परिवार सरकारी महल में सभी से संपर्क कर रही है। लेकिन लड़के के इलाज के लिए कोई आगे नहीं आ रहा है। वही उनलोगों ने लड़की के लिए बालुरघाट पंचायत समिति से महीने में छह सौ रुपये का भत्ते की व्यवस्था दो वर्ष पहले कर चुके है। वही पूरी तरह से बिस्तर पर पड़े दो लड़के-लड़कियों को स्वास्थ्य विभाग ने 100 फीसदी दिव्यांग घोषित नहीं किया है। जिसके कारण दिव्यांगों को मिलने वाली सुविधाओं से वे लोग वंचित हो रहे है। अपने दोनों बच्चों के इलाज के लिए माता-पिता ने अपना सब कुछ बिक्री करके बंगलोर, कोलकाता, सिलीगुड़ी एवं मालदा तक चक्कर लगा चुके है। लेकिन आर्थिक तंगी के कारण वे लोग आगे नहीं बढ़ पा रहे है।

दिव्यांग राजू व मामनि की मां मीना मंडल ने कहा कि वे लोग बंग्शीहाराी ब्लाक के नारायणपुर में मुख्यमंत्री की सभा में गए थे। उसी कारण से उनलोगों ने मंगलवार को तपन के विधायक व मंत्री बाच्चू हांसदा को फोन किया था। जहां पर उनलोगों ने अपनी पूरी समस्या मंत्री के सामने रखी। जिससे किसी भी रूप में सरकारी सहायता मिले और फिर बच्चे का इलाज सही रूप से मिल सके। यहां तक उनलोगों किसी भी तरह से अपना आवेदन पहुंचाने के लिए आग्रह भी किया। तभी मंत्री बाच्चू हांसदा फोन पर गुस्से में आ गए। उन्होंने कहा कि ममता-तमता कोई नहीं। किसी प्रकार की सहायता नहीं की जाएगी। दूसरी बार वे लोग किसी भी रूप में फोन अथवा घर पर आकर परेशान न करें। वे लोग बीडीओ के पास भी नहीं जा सकते है। तभी पीड़ित परिवार मंत्री की बात सुनकर रो पड़े। उन्होंने कहा कि एक जन नेता उनके साथ इस प्रकार से व्यवहार कर सकता है, उन्हें पता नहीं।

इस मामले में जब उत्तर बंग उन्नयन विभाग के राज्यमंत्री बच्चू हांसदा से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि धमकी व गुस्से की बात को गलत है। हां यह बात जरूर है कि पीड़ित महिला ने मुख्यमंत्री के सामने अपनी बातों को रखने के लिए कहा था। लेकिन इतने कम समय में यह बात उठाना संभव नहीं है। इस प्रकार की सहायता के लिए बीडीओ से संपर्क करने की बात कहीं गई।


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