पुनर्वास केंद्र में रहने वाले दो बांग्लादेशी किशोर लौटा घर
संवाद सहयोगी, बालुरघाट : सरकारी पुनर्वास केंद्र में रहने वाले दो बांग्लादेशी किशोर को प्रत्यार्पण सं
संवाद सहयोगी, बालुरघाट : सरकारी पुनर्वास केंद्र में रहने वाले दो बांग्लादेशी किशोर को प्रत्यार्पण संधि के माध्यम से बुधवार को अपना देश भेज दिया गया। लंबे 18 महीने से बालुरघाट शुभायन होम में रह रहे थे सत्रह वर्षीय मोहम्मद आलामीन एवं मोहम्मद मोमिन। चाइल्ड लाइन प्रबंधन का आरोप है कि वर्षो से बालुरघाट के इस सरकारी पुनर्वास केंद्र में कई बांग्लादेशी किशोर इस लंबित प्रक्रिया के चलते फंसे हुए हैं। चाइल्ड लाइन सूत्रों के मुताबिक डेढ़ वर्ष पहले रोजगार की तलाश में हिली सीमा से अवैध रूप से मोहम्मद मोमिन व मोहम्मद आलामीन भारत में प्रवेश किया। इन दोनों का घर कुमिल्ला व राजशाही इलाके में है। अवैध रूप से भारत में प्रवेश के आरोप में पुलिस ने इन्हें बालुरघाट बसस्टैंड परिसर क्षेत्र से पकड़ लिया एवं इसके बाद से इन्हें बालुरघाट के सरकारी पुनर्वास केंद्र में इन्हें रखा गया। आखिरकार चाइल्ड लाइन व बांग्लादेश के एक स्वयंसेवी संस्था के प्रयास से इन दो देशों के हाई कमीशन के सहयोग से प्रत्यार्पण प्रक्रिया के माध्यम से बांग्लादेश में भेजा गया। हिली अंतरराष्ट्रीय चेकपोस्ट पर बांग्लादेश के हिली इमीग्रेशन के ओसी अख्ताब हुसैन , भारत के हिली इमीग्रेशन ओसी नाजिर हुसैन, चाइल्ड लाइन के जिला को-आर्डिनेटर सुरज दास, बांग्लादेश के दिनाजपुर सेक्टर के कंपनी कमांडर अब्दुल मान्नान मोल्ला, हिली थाना की पुलिस सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे। चाइल्ड लाइन के जिला को-ऑडिनेटर ने बताया कि दोनों देशों के स्वयंसेवी संस्था की ओर से हाई कमीशन के माध्यम से बुधवार को इन्हें उसके परिवार को सौंप दिया गया। ज्ञातव्य है कि गत दिसंबर महीने तक बालुरघाट के सरकारी पुनर्वास केंद्र में शुभायन में 54 बांग्लादेशी किशोर थे। इसबीच 10 दिसंबर को आठ किशोर को उनके परिवार को सौंप दिया गया, बाकी 46 बच्चों में बुधवार को फिर दो किशोर को प्रत्यार्पण के माध्यम से बांग्लादेश भेजा गया। चाइल्ड लाइन सूत्रों के मुताबिक इसके बाद वर्तमान में 44 किशोर शुभायन होम में है।
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