पवित्र हृदय में ईश्वर बसते हैं : चित्रलेखा
-नाव पानी में तैरना सही है, पानी में नाव आ जाना ठीक नहीं - 2 दिसंबर तक बालुरघाट हाईस्कूल मैदान में
-नाव पानी में तैरना सही है, पानी में नाव आ जाना ठीक नहीं
- 2 दिसंबर तक बालुरघाट हाईस्कूल मैदान में चलेगा चित्रलेखाजी का प्रवचन कार्यक्रम
संवाद सहयोगी, बालुरघाट : देश विदेशों में अपने प्रवचनों से लोगों की चेतना को जाग्रत करने वाली 19 वर्षीय चित्रलेखाजी का प्रवचन इनदिनों बालुरघाट शहर के भक्तों का मन पर ईश्वर के प्रति आस्था को लेकर गहरा प्रभाव डाल रहा है । चित्रलेखाजी अपने भक्तों में देवी स्वरूप पूजी जाती हैं। उनकी भागवत कथा व प्रवचन सुनने के लिए बालुरघाट सहित आसपास के क्षेत्र से हजारों लोग वहां पहुंच रहे हैें। उन्होंने अपने प्रवचन में बताया कि पवित्र हृदय में ईश्वर बसते हैं। मन को स्वच्छ व बच्चों की तरह कोमल रखने पर अवश्य की भगवान वहां विराजमान होते हैं। तभी वास्तविक जीवन का आनंद उठा सकेंगे। संसार में मन होना ठीक है लेकिन मन में ही संसार को नहीं समाना चाहिए। जिस तरह से नाव पानी में तैरना सही है, लेकिन नाव में पानी ठीक नहीं है। आगामी 2 दिसंबर तक बालुरघाट हाईस्कूल मैदान में उनका प्रवचन कार्यक्रम चलेगा।
चित्रलेखाजी हरियाणा के पलबल जिले में स्थित गो सेवाधाम अस्पताल एंड रिसर्च सेंटर व वर्ल्ड संकीर्तन टूर ट्रस्ट के प्रयास से लंबे समय से पूरी दुनिया में भागवत का प्रवचन करती आ रही है। बालुरघाट शहर में गो कथा महिला सेवा समिति एवं बाधा चैरिटेबल ट्रस्ट के प्रयास से बालुरघाट हाईस्कूल मैदान में 26 नवंबर से शुरू हुआ है यह भागवत पाठ। प्रतिदिन दोपहर ढाई बजे से प्रवचन कार्यक्रम शुरू हो रहा है एवं शाम को आरती के बाद यह कार्यक्रम समाप्त होता है। 1997 के हरियाणा के पलबल जिले के पावन गांव के ब्राह्माण परिवार पंडित टीकाराम शर्मा व ब्रजलता देवी के घर जन्मी सुकन्या चित्रलेखा को जन्म से ही ईश्वर का आर्शीवाद प्राप्त है। उनकी दिव्य प्रतिभा से प्रभावित होकर एक बंगाली संत गिरिधारी दास बाबा महाराज ने उन्हें दीक्षा दी। केवल छह वर्ष की उम्र में पंडितों की सभा में भागवत पाठ कर चित्रलेखा ने यह साबित कर दिया कि उनका जन्म ईश्वर के अंश में हुआ है। इसके बाद से धीरे-धीरे वह पूरी दुनिया में विख्यात हो गई। करोड़ों भक्त उन्हें देवी के रूप में पूजते हैं। दुनियाभर में हरिकथा व भागवत गीता के प्रचार के साथ गो माता की सेवा के लिए वह अपने आप को समर्पित कर चुकी हैं। उनके प्रयास व भक्तों के दान से पलबल में एक विशाल आधुनिक चिकित्सा सुविधा वाले गोमाता अस्पताल स्थापित की गई। जहां बीमार गायों का इलाज, ऑपरेशन, अंग प्रत्यारोपण किया जाता है। संगठन के कार्यक्रम संचालक धीराज भरद्वार ने बताया कि बालुरघाट शहर में चित्रलेखाजी इतने लोकप्रिय हो जाएंगी यह सोच नहीं सका। कार्यक्रम के अंत में विभिन्न प्रदेशों की महिलाएं व पुरुषों के नृत्य व शंख ध्वनि से हम मोहित हैं। बीते 27 नवंबर को हिली में शोभायात्रा में हजारों भक्तों के आगमन से चित्रलेखाजी ने भी खुशी जाहिर की हैं। ज्ञातव्य है कि आस्था टीवी चैनल में दोपहर ढाई बजे से बालुरघाट हाईस्कूल मैदान में चित्रलेखाजी के भागवतपाठ का प्रसार किया जा रहा है।
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