ममता के सवालों से निजी अस्पताल प्रबंधन रहे हलकान
राज्य ब्यूरो, कोलकाता: मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने निजी अस्पतालों और नर्सिगहोम के प्रबंधन को अपने चुभ
राज्य ब्यूरो, कोलकाता: मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने निजी अस्पतालों और नर्सिगहोम के प्रबंधन को अपने चुभते सवालों से हलकान कर दिया। उन्होंने अस्पतालों का नाम लेकर उन के खिलाफ मिली शिकायतों पर जवाब तलब किया। उन्होंने कहा कि रोगियों से चिकित्सा खर्च सबसे अधिक लेने का आरोप अपोलो अस्पताल के खिलाफ है। अपोलो के प्रतिनिधि ने अपनी सफाई में कहा कि उनके अस्पताल में अत्याधुनिक चिकित्सा पद्धति का इस्तेमाल करने के लिए कीमती उपकरण और संयंत्र लगाए गए हैं। इसलिए चिकित्सा पर कुछ खर्च बढ़ जाता है। मुख्यमंत्री ने इस तर्क से असहमति जताते हुए कहा कि चिकित्सा सेवा को अन्य कारोबार की तरह नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी बड़ा कारोबार कुछ देर तक नुकसान में ही चलता है। महंगे उपकरण की कीमत तुरंत रोगियों से वसूलने की छूट किसी को नहीं मिलेगी। मुख्यमंत्री ने अपोलो को गरीब रोगियों को ध्यान में रखते हुए कम बजट में चिकित्सा शुरू करने की सलाह दी।
सीएमआरआइ में तोड़फोड़ की घटना पर दुख जताने के बावजूद मुख्यमंत्री ने अस्पताल प्रबंधन पर अधिक बिल बनाने की शिकायत की। जवाब में अस्पताल के प्रतिनिधि ने कहा कि उनके यहां कुछ रोगियों के लिए कम खर्च में चिकित्सा की व्यवस्था है। मुख्यमंत्री ने रोगी के परिजनों के हवाले से कहा कि रूबी अस्पताल के विरुद्ध भी अतिरिक्त खर्च बढ़ाने की शिकायतें मिली है। रूबी अस्पताल प्रबंधन की ओर से कहा गया कि दुर्घटना होने पर या आपात स्थिति में पहले रोगी की चिकित्सा शुरू की जाती है। बाद में चिकित्सा खर्च की बात होती है।
मुख्यमंत्री ने बीएम बिड़ला प्रबंधन से सवाल किया कि अस्पताल में सुलभ जांच केंद्र की व्यवस्था क्यों नहीं की गई? जवाब में अस्पताल प्रबंधन ने भरोसा दिया कि जल्द ही इसकी व्यवस्था की जाएगी। मुख्यमंत्री के सबसे कड़े सवालों का सामना मेडिकाअस्पताल प्रबंधन को करना पड़ा। मुख्यमंत्री ने मेडिका से पूछा कि किडनी तस्करी का धंधा बंद हुआ या नहीं? मेडिका प्रबंधन ने सफाई देते हुए इस तरह के धंधे में शामिल होने से इन्कार किया। इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि गलत नहीं बताएं। पुलिस घटना की गंभीरता से जांच कर रही है। पियरलेस अस्पताल प्रबंधन पर चिकित्सा का प्रोटोकाल नहीं मानने का आरोप लगाने पर अस्पताल प्रबंधन बहुत मुश्किल से अपनी सफाई पेश की। चिकित्सा खर्च नहीं मिलने पर केपीएस पर एक रोगी का शव परिजनों को नहीं देने के सवाल पर अस्पताल प्रबंधन ने मुख्यमंत्री को भरोसा दिया कि अब इस तरह की घटना नहीं घटेगी।