नीति आयोग का हो पुनर्गठन
आसनसोल : तीन वर्ष पूर्व केंद्र सरकार गठन होने पर श्रमिकों में बड़ी बड़ी आशाएं बंधी थी। लेकिन सरकार श्र
आसनसोल : तीन वर्ष पूर्व केंद्र सरकार गठन होने पर श्रमिकों में बड़ी बड़ी आशाएं बंधी थी। लेकिन सरकार श्रमिकों की अपेक्षा पर खरी नहीं उतर रही है। नीति आयोग में विदेश में पढ़े लोगों को शामिल कर श्रमिक व आम लोगों के हित के खिलाफ निर्णय लिए जा रहे है। सरकार को नीति आयोग का पुनर्गठन करना होगा और उसमें श्रमिक व किसान वर्ग के लोगों को भी शामिल करना होगा।
सरकार को श्रमिकों के हित में कार्य करना होगा। श्रमिक विरोधी कानूनों को तत्काल हटाना होगा। श्रमिक हित में सुधार के नाम पर निजीकरण की साजिश तत्काल बंद करनी होगी। उक्त बातें भारतीय मजदूर संघ के वरिष्ठ नेता जयनाथ चौबे ने शुक्रवार को जिला शासक कार्यालय पर आयोजित विरोध सभा को संबोधित करते हुए कही।
वहीं बीएमएस के राज्य उपाध्यक्ष रविशंकर ¨सह ने कहा कि कानपुर में बीएमएस का नेशनल कॉन्फ्रेंस हुआ था। कांफ्रेंस में तय हुआ था कि राज्य के प्रत्येक जिला अधिकारी को उद्योग के नीति आयोग गठन के खिलाफ ज्ञापन दिया जाएगा। उसी निर्णय के अनुसार ज्ञापन देकर वह लोग मांग कर रहे हैं कि नीति आयोग का पुनर्गठन किया जाए। इससे पूर्व श्रमिक विरोधी कानून के खिलाफ भारतीय मजदूर संघ द्वारा पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत जिला शासक कार्यालय पर विरोध प्रदर्शन व सभा करने के पूर्व विवेकानंद सारणी मोड़ से एक जुलूस निकाला। जुलूस एडीडीए भवन स्थित डीएम कार्यालय पहुंचा वहां बीएमएस के आसनसोल जिला उपाध्यक्ष सत्यनारायण पांडेय ने अध्यक्षता की। विरोध सभा के पश्चात पांच सूत्री मांगों को लेकर बीएमएस का प्रतिनिधिमंडल डीएम की अनुपस्थिति में एडीएम सामान्य प्रलय रायचौधरी से मिला और उन्हें ज्ञापन सौंपा। सौंपे गए ज्ञापन के माध्यम से नीति आयोग का पुनर्गठन, मजदूरों को सुविधा देने के नाम पर निजीकरण की साजिश का विरोध, नीति आयोग में श्रमिक व किसान प्रतिनिधियों को शामिल करने, मजदूर विरोधी कानून हटाने और रोजगार सुनिश्चित करने की मांग की गई। डीएम के माध्यम से उक्त ज्ञापन प्रधानमंत्री को सौंपा जाएगा। प्रदर्शन करने वालों में बर्नपुर इस्पात कर्मचारी संघ के महामंत्री दीपक कुमार ¨सह, उमेश प्रसाद ¨सह, केके द्विवेदी, दयाचंद नोनिया, सुबोध शर्मा आदि थे।