देशभ्रमण कर नशामुक्ति का पैगाम दे रहे अमनदीप
बर्नपुर: देश को नशामुक्त करने का संकल्प लेकर वर्ष 2008 से बेंगलुरु के चिकात्रिपति गांव से देशभ्रमण प
बर्नपुर: देश को नशामुक्त करने का संकल्प लेकर वर्ष 2008 से बेंगलुरु के चिकात्रिपति गांव से देशभ्रमण पर निकले अमनदीप ¨सह विभिन्न राज्यों का भ्रमण कर गुरुवार शाम को आसनसोल के बर्नपुर गुरुद्वारा पहुंचे। शुक्रवार को श्री गुरुनानक गर्ल्स हाईस्कूल की छात्राओं से समाज को नशामुक्ति करने के अभियान में मदद करने की अपील की। पेशे से शिक्षक 56 वर्षीय अमनदीप ¨सह देश के अब तक 25 राज्यों का परिभ्रमण साइकिल से कर लोगों को नशामुक्ति का पैगाम दे
चुके हैं। अब तक साइकिल से 2 लाख 10 हजार किमी की दूरी तय कर गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में भी अपना नाम दर्ज करा चुके हैं। इससे पहले यह रिकार्ड अमेरिका के जॉन विलसन के नाम था, जॉन ने एक लाख 25 हजार किमी की दूरी साइकिल से तय की की थी। अमनदीप ¨सह बंगाल के पश्चात उड़ीसा, आंध्रप्रदेश होते हुए 1500 किमी की दूरी तय कर वापस बंगलौर पहुंचेंगे।
अमनदीप ¨सह ने बताया कि वह नशामुक्ति अभियान के लिए भारत के विभिन्न राज्यों के 35 हजार स्कूल और कॉलेजों में जाकर नशामुक्ति का संदेश दे चुके हैं। वह 6 भाषा हिन्दी, अंग्रेजी, पंजाबी, कन्नड़, तेलगु, तमिल के जानकार है। पंजाब के युवाओं को नशामुक्त करने के लिए ढ़ाई वर्ष तक वह पंजाब में रहे।
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मामा की मौत से मिली प्रेरणा:
अमनदीप ने बताया की उनके मामा राम रेड्डी की वर्ष 2007 में शराब पीने की वजह से मौत हो गई थी, मामा की मौत ने उन्हें झकझोर कर रख दिया। इसके बाद ही उन्होंने यह ठान लिया कि नशा के खिलाफ अभियान चलायेंगे और देशवासियों को इस गंदी लत से छुटकारा दिलाने के लिए उनको जागरूक करेंगे। 1 जनवरी 2008 को वह साइकिल से नशामुक्त भारत अभियान के लिए साइकिल से निकल पड़े। नशामुक्ति अभियान के जुनून के कारण वह अपनी पुत्री के 2012 में आयोजित विवाह समारोह में भी घर नहीं पहुंच सके।
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सोशल मीडिया से जुड़े हैं अमनदीप:
अमनदीप हमेशा से सोशल मीडिया से जुड़े रहे हैं। वह हमेशा साइकिल पर बैग में एक लैपटॉप रखे रहते हैं, इसका उपयोग स्कूलों में नशामुक्ति के लिए छात्र छात्राओं को जागरूक करने के लिए करते है। इसके अलावा वे फेसबुक और ट्वीटर के माध्यम से लगभग 10 हजार दोस्तों के साथ जुड़े हैं। उनका वीडियो यू-ट्यूब पर भी काफी प्रसिद्ध हो चुका है।
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साइकिल की सवारी में एक लाख रुपये खर्च:
अमनदीप ¨सह ने बताया कि वह साइकिल के साथ खाने पीने का लगभग 60 किलो वजन का सामान लादकर चलते हैं, जहां मौका मिलता है, वहींअपने हाथ से खाना बनाकर खा लेते है। इन सब में अब तक एक लाख रुपये खर्च हो चुके है। उनके बैंक अकाउंट में एक लाख रुपये ही थे, एटीएम से राशि निकालकर वह खर्च करते थे। घर में सूचना देकर और राशि बैंक अकाउंट में डालने को कहा है। यात्रा के दौरान साइकिल के 42 टायर, 22 टूयूब को बदलना पड़ा है।