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लक्ष्य से अधिक उत्पादन कर ईसीएल ने रचा इतिहास

जासं, आसनसोल : एक साल में 40 मिलियन टन से अधिक कोयला उत्पादन कर ईसीएल ने नया इतिहास रच दिया है। वित्

By Edited By: Published: Thu, 02 Apr 2015 01:13 AM (IST)Updated: Thu, 02 Apr 2015 01:13 AM (IST)
लक्ष्य से अधिक उत्पादन कर ईसीएल ने रचा इतिहास

जासं, आसनसोल : एक साल में 40 मिलियन टन से अधिक कोयला उत्पादन कर ईसीएल ने नया इतिहास रच दिया है। वित्तीय वर्ष 2014-15 में ईसीएल ने हर मोर्चे पर अब तक का सर्वोच्च प्रदर्शन किया है। कंपनी के सीएमडी राकेश सिन्हा ने बताया कि कोयला उत्पादन, अधिभार हटाने (ओवरबर्डेन रिमूवल) और अपने ग्राहकों तक प्रेषण (ऑफटेक) के मामलों में कंपनी ने अपने लक्ष्य को पार कर 100 प्रतिशत से अधिक सफलता अर्जित की है। 1975 में स्थापना के बाद से पहली बार कंपनी ने यह सफलता अर्जित की है। पिछले वर्ष की तरह इस बार भी भूमिगत खदानों से उत्पादन करने के मामलों में ईसीएल ने सकारात्मक वृद्धि दर्ज की है। इस अभूतपूर्व उपलब्धि का श्रेय सीएमडी ने ईसीएल के श्रमिक, कर्मचारी एवं अधिकारियों को दिया है।

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सीएमडी के तकनीकी सचिव निलाद्री राय ने बताया कि विगत वित्तीय वर्ष के दौरान ईसीएल ने 40.01 मिलियन टन कोयला उत्पादन किया, जो अपने लक्ष्य से 105 प्रतिशत अधिक है। 38.46 मिलियन टन कोयला टन प्रेषित किया गया, जो तय लक्ष्य से 101 फीसदी अधिक है। अधिभार हटाने के मामले में भी 93.96 मिलियन घन मीटर मलबा हटाकर कंपनी ने अपने लक्ष्य का 107 प्रतिशत हासिल किया, जो पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में 9.6 प्रतिशत अधिक है।

उन्होंने बताया कि ईसीएल कोल इंडिया की एकमात्र अनुषंगी कंपनी है, जिसने भूमिगत उत्पादन लक्ष्य को प्राप्त किया है। कंपनी ने तय लक्ष्य का 101 प्रतिशत प्राप्त कर 6.18 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज कराई है। 1975 में कोयला खदानों का राष्ट्रीयकरण हो जाने के बाद ईसीएल को तमाम वे भूमिगत खदान प्राप्त हुई, जहा छोटी-मोटी कंपनियों समेत अवैध और अवैज्ञानिक तरीके से कोयला खनन किया जाता था। ऐसे में कोयला उत्पादन दर को सकारात्मक बनाना किसी चुनौती से कम नहीं था। यह ईसीएल द्वारा बनाई गई दीर्घकालीन सुनियोजित योजनाओं का ही परिणाम है कि कंपनी न सिर्फ बीआइएफआर से बाहर आ चुकी है, बल्कि अपने समूचे इतिहास का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर रही है। उन्होंने बताया कि कंपनी की कोशिशों का ही नतीजा है कि पिछले पाच वर्षो से कंपनी की उत्पादन दर लगातार बढ़ रही है। वर्तमान सीएमडी की अगुवाई में कंपनी की ओर से कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए थे, जिनका नतीजा आज कंपनी को मिल रहा है। कंपनी के बेहतर प्रदर्शन की वजह से ही डिपार्टमेंट ऑफ पब्लिक इंटरप्राइज ने लगातार दो वर्षो तक (वर्ष 2012-13 और 2013-14) ईसीएल को एक्सलेंट रेटिंग से नवाजा था।


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