अधूरे निर्माण कार्यो से मंत्री हुए खफा
देहरादून, जागरण ब्यूरो:
तकनीकी शिक्षा मंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने तकनीकी शिक्षा महकमे को पूरी धनराशि मुहैया कराने के बावजूद कई निर्माण कार्य अधूरे रहने पर नाराजगी जताई। ऐसी निर्माण एजेंसियों को भविष्य में निर्माण कार्य नहीं सौंपे जाएंगे। उन्होंने पानी उपलब्ध नहीं होने वाले स्थानों पर प्रशिक्षण संस्थान और छात्रावास को अनुमति देने पर आपत्ति की।
विधान भवन में सोमवार को बैठक में काबीना मंत्री श्री रावत ने तकनीकी शिक्षा महकमे के निर्माण कार्यो की समीक्षा की। उन्होंने स्वीकृत कार्यो में ढिलाई बरतने पर निर्माण एजेंसियों को चेतावनी दी। साथ ही निर्माण कार्यो में पारदर्शिता, समयबद्धता के साथ पूरी धनराशि के सदुपयोग के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि पूर्ण हो चुके कार्यो का लोकार्पण 15 दिसंबर तक अनिवार्य रूप से कराया जाए।
बैठक में बताया गया कि राज्य में 27 आइटीआइ निर्माणाधीन हैं। 42 में 22 में निर्माण कार्य चल रहा है। इन कार्यो का जिम्मा पेयजल निगम, आरईएस, उप्र राजकीय निर्माण निगम, अवस्थापना विकास निगम, कुमाऊं मंडल विकास निगम को सौंपा गया है। कई निर्माण कार्यो में उप्र राजकीय निर्माण निगम का कार्य ढीला है। काबीना मंत्री ने आइटीआइ, पालीटेक्निक संस्थानों, छात्रावासों, आवासीय भवनों, बाउंड्रीवाल, बहुद्देश्यीय हाल के निर्माण कार्यो की धीमी गति पर असंतोष जताया। बैठक में तकनीकी शिक्षा प्रमुख सचिव एस राजू, अपर सचिव शैलेष बगोली, प्रशिक्षण निदेशक आर मीनाक्षी सुंदरम समेत कई अफसर मौजूद थे।
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