हेमकुंड साहिब के कपाट बंद, गंगोत्री के 12 और यमुनोत्री के 13 नवंबर को होंगे कपाट बंद
समुद्र तल से 15 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित सिखों के प्रसिद्ध तीर्थ हेमकुंड साहिब और हिंदुओं के आराध्य लोकपाल लक्ष्मण मंदिर के कपाट शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए। इस दौरान करीब तीन हजार से ज्यादा श्रद्धालु उपस्थित थे।
पांडुकेश्वर (चमोली)। समुद्र तल से 15 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित सिखों के प्रसिद्ध तीर्थ हेमकुंड साहिब और हिंदुओं के आराध्य लोकपाल लक्ष्मण मंदिर के कपाट शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए। इस दौरान करीब तीन हजार से ज्यादा श्रद्धालु उपस्थित थे। दूसरी ओर, गंगोत्री-यमुनोत्री मंदिर समिति ने गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट बंद होने की तिथि भी घोषित कर दी है। गंगोत्री के कपाट 12 और यमुनोत्री धाम के 13 नवंबर को बंद किए जाएंगे।
मान्यता है कि हेमकुंड में सिखों के 10वें गुरु गोविंद सिंह ने पूर्व जन्म में तपस्या की थी, जबकि लोकपाल मंदिर में लक्ष्मण ने पूर्व जन्म में शेषनाग के रूप में तप किया था। हेमकुंड में कपाट बंद करने की प्रक्रिया सुबह साढ़े नौ बजे शुरू की गई।
प्रसिद्ध तीर्थ हेमकुंड साहिब गुरुद्वारे में अरदास में भाग लेते श्रद्धालु।
श्रद्धालुओं ने पवित्र हेमकुंड सरोवर में स्नान कर गुरुद्वारे में आयोजित अंतिम अरदास में भाग लिया। इसके बाद संगत ने मुख्य ग्रंथी जस्सा सिंह के नेतृत्व में गुरु ग्रंथ साहिब को सत्कंठ में विराजित किया। दोपहर 12.40 बजे हेमकुंड साहिब के कपाट बंद कर दिए गए।
डेढ़ बजे पंचप्यारों के नेतृत्व में श्रद्धालुओं के हुजूम के साथ निशान साहिब के साथ घांघरिया के लिए रवाना हुआ। यात्रा देर सायं घांघरिया पहुंची। गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रबंधक सरदार सेवा सिंह ने बताया कि घांघरिया में रात्रि विश्राम के बाद यात्रा रविवार सुबह 10 बजे गोविंदघाट के लिए रवाना होगी।
यहीं गोविंदघाट गुरुद्वारे में निशान साहिब को स्थापित किया जाएगा। गौरतलब है कि इस बार हेमकुंड के कपाट दो जून को खोले गए थे और यात्रा सीजन के दौरान करीब एक लाख 70 हजार श्रद्धालु हेमकुंड पहुंचे।
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