हत्या में एनएसजी कमांडो समेत तीन को कारावास
अदालत ने हत्या के मामले में एनएसजी कमांडो और असम रायफल के जवान को उम्रकैद तथा निजी कंपनी में इंजीनियर को सात साल की सजा सुनाई है।
उत्तरकाशी, [जेएनएन]: जिला एवं सत्र न्यायाधीश जीएस धर्मशक्तू की अदालत ने हत्या के मामले में एनएसजी कमांडो और असम रायफल के जवान को उम्रकैद तथा निजी कंपनी में इंजीनियर को सात साल की सजा सुनाई है। आरोप था कि असम रायफल के जवान ने अपने भांजों की मदद से पत्नी की निर्मम तरीके से हत्या कर दी थी।
27 अक्टूबर 2010 को लक्ष्मी देवी सेमवाल पति उमा शंकर के साथ ससुराल की रिश्तेदारी में जोशियाड़ा में आयोजित मेहंदी रस्म में शामिल होने गई थी। 29 अक्टूबर तक वह नहीं लौटी। इस पर लक्ष्मी के पिता विशंबर दत्त ने उत्तरकाशी कोतवाली में 30 अक्टूबर को गुमशुदगी दर्ज कराई।
उन्होंने अपने दामाद उमा शंकर पर हत्या करने का आरोप लगाया। 31 अक्टूबर 2010 को धनपुर गांव के पास एक सिरकटी लाश मिली, जिसकी शिनाख्त लक्ष्मी देवी के रूप में हुई। इसके बाद पुलिस ने मृतका के पति उमाशंकर को गिरफ्तार किया।
अभियोजन पक्ष के अनुसार उमाशंकर ने बताया कि मेंहदी वाली रात को भांजे प्रवीण कुड़ियाल व सचिन जोशी के साथ मिलकर लक्ष्मी की गला घोटकर हत्या कर दी थी। उसके सिर और धड़ को अलग कर दिया। धड़ वाले हिस्से को लंबगांव मोटर मार्ग पर धनपुर गांव के निकट फेंका, जबकि सिर को बौंगा के निकट पीपल खाला के पास फेंक दिया था। प्रवीण कुड़ियाल व सचिन जोशी को गिरफ्तार कर पुलिस ने उनकी निशानदेही पर पीपल खाला से सिर बरामद किया।
शासकीय अधिवक्ता हुकुम सिंह रावत ने बताया कि अभियोजन पक्ष एवं अभियुक्तों की दलील सुनने के बाद जिला एवं सत्र न्यायाधीश जीएस धर्मशक्तू ने उमाशंकर व प्रवीन कुड़ियाल को आजीवन कारावास के साथ ही 25-25 हजार रुपये अर्थदंड सुनाया।
तीसरे आरोपी सचिन जोशी को सात साल के कारावास की सजा एवं 10 हजार रुपये अर्थदंड लगाया। उमा शंकर सेमवाल असम राइफल में सिपाही व प्रवीण कुड़ियाल एनएसजी कमांडो है। सचिन जोशी एक प्राइवेट कंपनी में इंजीनियर है।
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