¨सगल ¨वडो से मिलेगी नेलांग जाने की अनुमति
जागरण संवाददाता, उत्तरकाशी: अब उत्तरकाशी जिले की चीन सीमा से लगी नेलांग घाटी जाने के लिए पर्यटकों को
जागरण संवाददाता, उत्तरकाशी: अब उत्तरकाशी जिले की चीन सीमा से लगी नेलांग घाटी जाने के लिए पर्यटकों को गंगोत्री नेशनल पार्क, एसडीएम भटवाड़ी, एसपी, स्थानीय अभिसूचना इकाई व क्षेत्रीय पर्यटन कार्यालय के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। उत्तरकाशी जिला प्रशासन इसके लिए सिंगल विंडो सिस्टम की व्यवस्था कर रहा है। जिलाधिकारी डॉ. आशीष श्रीवास्तव ने बताया कि ¨सगल ¨वडो सिस्टम को चलाने के लिए स्थान का चयन कर लिया गया है। सिस्टम मार्च से काम करना शुरू कर देगा। प्रवेश के लिए पर्यटक ऑन लाइन भी आवेदन कर सकते हैं।
जिला मुख्यालय 88 किलोमीटर दूर चीन सीमा पर स्थित यह क्षेत्र गंगोत्री हाईवे से लगी भैरव घाटी से शुरू होता है। भैरव घाटी से 23 किलोमीटर आगे नेलांग तक इस घाटी को नेलांग घाटी कहते हैं। शुष्क मरुस्थलीय इस घाटी का सौंदर्य ही ऐसा है कि इसे देखने को पर्यटक लालायित रहते हैं। इस क्षेत्र को इनर लाइन क्षेत्र भी कहते हैं। हालांकि, सीमा से लगा क्षेत्र होने के कारण यहां जाने के लिए प्रशासन की अनुमति लेना जरूरी है। लेकिन, इसमें तीन दिन का समय लग जाता है। पर्यटकों को पहले गंगोत्री नेशनल पार्क के दफ्तर से अनुमति फार्म लेकर एसडीएम भटवाड़ी के कार्यालय में जाना पड़ता है। वहां से वन विभाग, एसपी कार्यालय, नेशनल पार्क प्रशासन, क्षेत्रीय पर्यटन कार्यालय व स्थानीय अभिसूचना इकाई (एलआइयू) से पर्यटकों के संबंध में आख्या मांगी जाती है। समय पर आख्या मिल सके, इसके लिए पर्यटक स्वयं एसडीएम का पत्र लेकर इन विभागों के चक्कर काटते हैं। तब जाकर एसडीएम कार्यालय से नेलांग जाने की अनुमति मिल पाती है। इसके बाद पर्यटकों को गंगोत्री नेशनल पार्क के कार्यालय में जाकर प्रवेश शुल्क जमा कराना होता है।
इस पूरी प्रक्रिया में दो से तीन दिन का समय लगना सामान्य बात है। वह भी तब, जब सभी अधिकारी अपनी कुर्सी पर मिल जाएं। पर्यटकों की इसी समस्या को देखते हुए जिलाधिकारी डॉ. आशीष श्रीवास्तव ने ¨सगल विंडो सिस्टम शुरू करने की पहल की है। इनर लाइन, नेलांग व गंगोत्री नेशनल पार्क का ट्रे¨कग रूट परमिट जारी करने के लिए कलक्ट्रेट में एक ¨सगल विंडो सिस्टम की व्यवस्था की जा रही है। डीएम के अनुसार मार्च में इसका ट्रायल शुरू कर दिया जाएगा।