सिल्ट रोक रही टरबाइन की रफ्तार
जागरण संवाददाता, उत्तरकाशी : राज्य सरकार की दो प्रमुख जल विद्युत परियोजनाओं में सुमार मनेर
जागरण संवाददाता, उत्तरकाशी : राज्य सरकार की दो प्रमुख जल विद्युत परियोजनाओं में सुमार मनेरी भाली जल विद्युत परियोजना प्रथम व द्वितीय की टरबाइन की रफ्तार पर भागीरथी में बढ़ती सिल्ट ब्रेक लगा रही है। इससे सरकार को राजस्व नुकसान भी हो रहा है। 16 जुलाई से उत्पादन प्रभावित होने का सिलसिला चल रहा है। इससे दोनों परियोजनाओं को करीब 2.50 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।
ऊर्जा प्रदेश की उत्तरकाशी में भागीरथी नदी पर मनेरी भाली जल विद्युत परियोजना प्रथम 90 मेगावाट की है। इसका पावर हाउस उत्तरकाशी के पास तिलोथ में है। जबकि मनेरी भाली जल विद्युत परियोजना द्वितीय का पावर हाउस चिन्यालीसौड़ के निकट धरासू में है। यह परियोजना 304 मेगावाट की है। ये दोनो परियोजनाओं के संचालन उत्तराखंड जल विद्युत निगम करता है, लेकिन पिछले एक सप्ताह से उत्तरकाशी के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बारिश के कारण लगातार भागीरथी में सिल्ट की मात्रा बढ़ रही है। सिल्ट टरबाइनों के लिए बेहद ही घातक होती है। इस कारण उत्तराखंड जल विद्युत निगम को उत्पादन बंद करना पड़ता है। 16 जुलाई से भागीरथी नदी में बढ़ी सिल्ट अभी कम नहीं हुई है। भले ही बीच के दिनों में जब कुछ घंटों के लिए सिल्ट कम हुई तो तब टरबाइन चली हैं।
16 जुलाई की शाम को सिल्ट की मात्रा 4600 पार्टिकल पर मिलियन (पीपीएम) पहुंच गई थी। जबकि टरबाइन चलाने के लिए पीपीएम की मात्रा 2100 से अधिक नहीं होनी चाहिए। 16 जुलाई की रात से मनेरी भाली जल विद्युत परियोजना प्रथम में उत्पादन प्रभावित हुआ। जबकि 17 जुलाई को मनेरी भाली द्वितीय में विद्युत उत्पादन ठप हुआ। 20 जुलाई को उत्पादन शुरू तो हुआ, पर फिर से सिल्ट बढ़ने के कारण 21 जुलाई की रात से दोनों परियोजनाओं में उत्पादन ठप हुआ। शनिवार पूरे दिन तथा रविवार को आधे दिन तक विद्युत उत्पादन बंद रहा। मनेरी बैराज के ईई हरीश डपोला ने बताया कि बारिश के कारण भागीरथी में सिल्ट की मात्रा बढ़ रही है। जिसके के कारण उत्पादन रोकना पड़ रहा है। सिल्ट के कारण उत्पादन प्रभावित होने से लाखों का नुकसान होने का अनुमान है।