विदेशी योग साधकों ने जाना गंगा का महत्व
गंगोत्री धाम पहुंचे विदेशी योग साधकों के 14 सदस्यीय दल ने वहां पूजा-अर्चना कर तीर्थ पुरोहितों से गंगा का महात्म्य भी जाना।
उत्तरकाशी, [जेएनएन]: गंगा और हिमालय को लेकर विदेशी पर्यटकों के साथ ही अध्यात्म एवं योग साधकों में काफी उत्सुकता रहती है। यही उत्सुकता उन्हें गंगा के उद्गम की ओर खींच लाती है। इसी कड़ी में योग साधना के लिए गंगोत्री धाम पहुंचे विदेशी योग साधकों के 14 सदस्यीय दल ने वहां पूजा-अर्चना कर तीर्थ पुरोहितों से गंगा का महात्म्य भी जाना। इस दल ने हर्षिल का भी भ्रमण किया, जहां गंगोत्री विधायक गोपाल रावत व स्थानीय व्यापारियों ने उनका स्वागत किया।
शिवानंद योग विद्यापीठम केरल के तत्वावधान में 24 योग साधक उत्तरकाशी में योग साधना करने के साथ गंगा व हिमालय के महत्व को भी समझ रहे हैं। इनमें 14 योग साधक विदेशी हैं, जो कि जर्मनी, अमेरिका, ब्रिटेन, दुबई, जापान, चीन आदि देशों से हैं। इस दल ने गंगोत्री धाम पहुंचकर मां गंगा की पूजा-अर्चना की। इस दौरान तीर्थ पुरोहितों व जानकारों ने उन्हें गंगा अवतरण की पौराणिक कथा सुनाई। बताया कि किस तरह राजा भगीरथ ने गंगा को धरती पर लाने के लिए कठोर साधना की। जानकारों ने गंगा जल के वैज्ञानिक पहलुओं से भी साधकों को परिचित कराया। साथ ही गंगा के उद्गम स्थल गोमुख ग्लेशियर की भी जानकारी दी।
इससे पहले इन योग साधकों ने हर्षिल की सैर की। इनर लाइन से हटने के बाद विदेशी सैलानियों का यह पहला दल है, जो हर्षिल पहुंचा। यहां स्थानीय व्यापारियों के साथ ही विधायक गोपाल रावत भी उनके स्वागत के लिए मौजूद थे। विधायक रावत ने कहा कि पर्यटकों की आमद बढ़ने से स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। इस मौके पर दुबई की आजादे, चीन की जेन, जर्मनी की कैफरीना, शिवानंद योग विद्यापीठम केरल के संस्थापक स्वामी गोविंदानंद सरस्वती, उत्तरकाशी के योगाचार्य पीयूष बनूनी आदि मौजूद थे।
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