अपशिष्ट बनेगा आय का जरिया
संवाद सहयोगी, पौड़ी: स्वजल परियोजना विभाग की ओर से जनपद में ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन को धरातल पर उ
संवाद सहयोगी, पौड़ी: स्वजल परियोजना विभाग की ओर से जनपद में ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन को धरातल पर उतारने के लिए कवायद तेज कर दी है। इसके तहत विकास खंड स्तर पर अवर अभियंताओं को ग्राम पंचायत की ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन डीपीआर तैयार करने को लेकर प्रशिक्षित कर लिया है। साथ ही अवर अभियंताओं को एक माह के भीतर डीपीआर तैयार करने के निर्देश भी दिए गए हैं। कार्यशाला में जनपद के 15 विकास खंडों के समस्त अवर अभियंताओं ने प्रतिभाग किया।
शनिवार को विकास भवन सभागार में स्वजल परियोजना की ओर से द्वितीय प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस मौके पर परियोजना प्रबंधक रामेश्वर ¨सह चौहान ने बताया कि जनपद पौड़ी को स्वच्छ व सुंदर बनाने के लिए द्वितीय चरण की शुरुआत हो गई है। ग्रामीणों को शौचालय बनवाने के लिए प्रोत्साहित किए जाने के बाद अब ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन की ओर कदम बढ़ाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जनपद की 1212 ग्राम पंचायतों को ठोस एवं तरल अवशिष्ट मुक्त बनाने को लेकर बृहद स्तर पर कार्ययोजना तैयार की जा रही है। इसके तहत आगामी वित्तीय वर्ष में 80 ग्राम पंचायतों को चयनित किया गया है। जिनकी ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन योजना की डीपीआर एक माह के भीतर तैयार किए जाने के निर्देश दिए गए हैं। चौहान ने बताया कि ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन योजना के तहत ग्रामीणों की आय भी बढ़ेगी। योजना के तहत प्लास्टिक, थर्माकॉल से संबंधित कूड़े को कॉम्पेक्ट व रि-साइकिल करने के बाद लोनिवि को बेचा जाएगा। इससे प्राप्त आय ग्रामीणों को प्रदान की जाएगी। जैविक कूड़े से खाद तैयार कर काश्तकारों को बेची जाएगी। जिला स्वच्छ भारत प्रेरक स्वाति अग्निहोत्री ने बताया कि जनपद की ग्राम पंचायत की भौगोलिक परिस्थितियों, सामाजिक समरसता, उपयोगिता के आधार पर योजनावद्ध रुप में कार्ययोजना तैयार कर धरातल पर उतारने का प्रयास किया जाएगा। कार्यक्रम का संचालन प्रशिक्षक विजय प्रकाश गैरोला ने किया। इस अवसर पर मुख्य कृषि अधिकारी डीएस राणा, कुंदन प्रसाद, सुखबीर ¨सह आदि मौजूद थे।