सेवा व भक्ति के पर्याय बाबा रामभरोसे का निधन
बड़कोट : यमुनोत्री धाम में बीते लगभग 51 साल से भगवत साधना व मानव सेवा में जुटे रहे नेपाली बाबा रामभर
बड़कोट : यमुनोत्री धाम में बीते लगभग 51 साल से भगवत साधना व मानव सेवा में जुटे रहे नेपाली बाबा रामभरोसे दास (98) का दोपहर डेढ़ बजे निधन हो गया। शनिवार को बाबा को समाधि दी जाएगी। यमुनोत्री विधायक केदार ¨सह रावत ने बाबा के निधन में गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि बाबा के जाने से यमुनोत्री में साधक व जनसेवक की कमी खलती रहेगी।
बाबा को यमुनोत्री धाम में लगभग 51 साल से अधिक का समय हो गया था, लेकिन वे कभी यमुनोत्री धाम से नीचे नहीं उतरे। वे सर्दियों के छह माह में जहां लगातार साधना व भक्ति करते, वहीं यात्रा काल में यहां पहुंचने वाले लोगों की सेवा में जुटे रहते। श्रद्धालुओं के लिए भंडारे के माध्यम से खाने-पीने व रहने की व्यवस्था करते। भक्तों से मिलने वाली धनराशि से उन्होंने यमुनोत्री व जानकीचट्टी में जहां आश्रम बनाकर मानव सेवा की, वहीं खरसाली में सरस्वती शिशु मंदिर का निर्माण भी कराया। वर्ष 1966 में अयोध्या से आए यमुनोत्री धाम में यमुनोत्री मंदिर के पास हनुमान मंदिर में रहने वाले नेपाली बाबा रामभरोसे दास ने 51 साल से यमुना नदी पार नहीं की है।