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स्वांग आयोजन के बाद पांडव यज्ञ संपन्न

उत्तरकाशी: संग्राली में पांडव यज्ञ के अंतिम दिन अनूठी संस्कृति की झलक देखने को मिली। यहां हाथी के स्

By Edited By: Published: Mon, 05 Dec 2016 07:14 PM (IST)Updated: Mon, 05 Dec 2016 07:14 PM (IST)

उत्तरकाशी: संग्राली में पांडव यज्ञ के अंतिम दिन अनूठी संस्कृति की झलक देखने को मिली। यहां हाथी के स्वांग पर सवार बाड़ाहाट के आराध्य कंडार देवता की शोभा यात्रा और गांव के पंचायत चौक पर पांडव नृत्य आकर्षण का केंद्र रहा।

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वर्षो से चली आ रही परंपरा के तहत संग्राली में तीन दिनों से चल रहे पांडव नृत्य आयोजन में पांडवों पश्वाओं ने रविवार रात जागरण कर अपनी शक्तियों के इस्तेमाल से क्षेत्र को भूत-प्रेत व घात आदि परालौकिक बाधाओं से मुक्त किया। इस दौरान बाल कलाकारों ने स्वांग बनकर ग्रामीणों का मनोरंजन किया। सोमवार को हाथी के स्वांग पर सवार कंडार देवता की शेभा यात्रा निकाली गई। जहां ग्रामीणों ने फूलमालओं से कंडार देवता का स्वागत किया। बाद में ग्रामीणों ने पांडव पश्वाओं से अपनी समस्याओं व शंकाओं का समाधान जाना। इस मौके पर प्रद्युम्न नौटियाल, कृतमणी नौटियाल, दशरथ प्रसाद भट्ट, इंद्र देव नौटियाल, शिवानंद भट्ट, विजयलाल नैथानी, सुखशर्मानंद नौटियाल, परमानंद भट्ट, अमर ¨सह चौहान, चंद्रमोहन भट्ट, नरेश नैथानी केदारी देवी, उर्मिला देवी आदि मौजूद थे।


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