आलू-राजमा की फसल तैयार, किसान लाचार
संवाद सूत्र, पुरोला: मोरी ब्लॉक के फते पर्वत, पंचगाई, बडोर पट्टी के 23 गांव में ग्रामीणों की आजीव
संवाद सूत्र, पुरोला: मोरी ब्लॉक के फते पर्वत, पंचगाई, बडोर पट्टी के 23 गांव में ग्रामीणों की आजीविका का मुख्य साधन आलू व राजमा की फसल तैयार है, लेकिन क्षतिग्रस्त रास्तों के कारण ग्रामीण तैयार फसल को सड़क मार्ग तक नहीं पहुंचा पा रहे हैं। ग्रामीणों ने जिलाधिकारी को ज्ञापन भेजकर मार्गो की मरम्मत कराने की मांग की है।
मोरी ब्लॉक के जखोल, लिवाड़ी पैदल मार्ग, खेडा घाटी का ब्रिज, बडासू पट्टी के पांच गांवों को जोड़ने वाला रास्ता क्षतिग्रस्त है। ये रास्ते जुलाई व अगस्त की बारिश से टूटे थे। इन रास्तों पर ग्रामीण जान जोखिम में डालकर चल रहे हैं। घोड़े-खच्चरों के चलने लायक रास्ता अभी तैयार नहीं है। लिवाड़ी, फिताड़ी, रैक्चा, ओसला, गंगाड़ व ढाटमीर के ग्रामीणों ने जिलाधिकारी दीपेन्द्र कुमार चौधरी को ज्ञापन भेजा है। जिला पंचायत सदस्य रेवती राणा ने कहा कि दो सप्ताह के अंतराल में रास्ता नहीं खुलता है तो गांव में आलू व राजमा की फसल खराब हो जाएगी। ग्रामीणों ने कहा कि खेडा घाटी में सुपिन नदी पर गो¨वद पशु विहार का पुल भी क्षतिग्रस्त है। इसके साथ ही पंचगाई पटटी के लिवाड़ी, फिताड़ी, राला, कास्ला, रैक्चा, हरीपूर गांव तथा बडासु पट्टी के पांच गांव में आलू, राजमा फसल तैयार हो गई है। आपदा से क्षतिग्रस्त रास्ते व पुलिया की मरम्मत न होने के कारण नकदी फसलों को सड़क मार्ग तक पहुंचाने में दिक्कतें आ रही हैं। ग्रामीणों ने जिलाधिकारी से मांग करते हुए कहा कि खेड़ा घाटी की पुलिया को जल्द से जल्द ठीक करायें। इसके साथ ही हलारा पुलिया मरम्मत व जखोल-खेड़ाघाटी के बीच सड़क क¨टग के मलबे को हटाया जाए। ज्ञापन भेजने वालों में प्रधान संगठन अध्यक्ष प्रहलाद ¨सह रावत, हाकम ¨सह, नरेन्द्र ¨सह, उमराल ¨सह, ज्ञान ¨सह, बलवीर ¨सह, राम¨सह,सैंजराम आदि मौजूद थे।