टेंट में तराश रहे भविष्य की उम्मीद
द्वारिका सेमवाल, उत्तरकाशी राजकीय इंटर कॉलेज गोरशाली में अध्यनरत 209 छात्र-छात्राएं दान के टेंट म
द्वारिका सेमवाल, उत्तरकाशी
राजकीय इंटर कॉलेज गोरशाली में अध्यनरत 209 छात्र-छात्राएं दान के टेंट में भविष्य तराश रहे हैं। शिक्षा विभाग है कि इस ओर ध्यान ही नहीं दे रहा है। भारी बरसात में टेंट में मलबे की बदबू से छात्र-छात्राओं को पठन-पाठन में परेशानी का सामना करना पड़ा रहा है। उनके स्वास्थ्य पर भी इसका बुरा असर पड़ रह है।
भटवाड़ी ब्लॉक के अंतर्गत राजकीय इंटर कालेज गोरशाली में बीती दो जुलाई को अतिवृष्टि से उफनते नाले का मलबा विद्यालय भवन के कक्षा कक्षों में घुस गया था। कुछ कमरों में अभिभावकों और छात्रों ने मलबा साफ भी किया था, लेकिन कुछ कमरों में अधिक मलबा होने से व कमरों में मलबे की बदबू से कमरों में बैठना मुश्किल हो रखा है। विद्यालय में मलबे को हटाने तथा व्यवस्थाओं को बहाल करने की शिक्षकों तथा शिक्षक अभिभावक संघ द्वारा की जा रही है। परंतु अभी तक कोई कार्यवाही नहीं हो सकी है। विद्यालय में अध्ययनरत 209 छात्र-छात्राओं के बैठने की पर्याप्त व्यवस्था न हो पाने के कारण विद्यालय के प्रधानाचार्य सुरेन्द्र दत्त उनियाल के अनुरोध पर उत्तरकाशी रेड क्रॉस सोसायटी ने विद्यालय में छात्र-छात्राओं को एक दिवसीय आपदा प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया तथा निशुल्क दवा वितरित की। साथ ही छात्र-छात्राओं को पढ़ाई को बैठने के लिए दो टेंट विद्यालय को उपलब्ध कराए और अब छात्र-छात्राएं टेंट में पढ़ाई करने को मजबूर हैं, लेकिन साफ मौसम होने पर तो टेंटों में पढ़ाई हो सकेगी, पर बारिश में छात्रों को टेंट में भी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। शिक्षक अभिभावक संघ के अध्यक्ष सुंदर चंद रमोला ने कहा कि विद्यालय में भरे मलबे को हटाने तथा मलबे से क्षतिग्रस्त कमरों की शीघ्र मरम्मत की जाए। जिससे छात्र-छात्राओं की पढ़ाई नियमित पढ़ाई प्रभावित न हो। उन्होंने कहा है कि विद्यालय के कमरों में घुसे मलबे के कारण दुर्गंध से विद्यालय में पढ़ रहे छात्र-छात्राओं के स्वास्थ्य पर भी इसका बुरा असर पड़ने की संभावना है।