दरकते पहाड़ों ने छीना सेब उत्पादकों का चैन
द्वारिका सेमवाल, उत्तरकाशी: तेज बारिश से पहाड़ों दरक रहे हैं। इससे हाईवे बार-बार बंद हो रहे हैं। इसस
द्वारिका सेमवाल, उत्तरकाशी: तेज बारिश से पहाड़ों दरक रहे हैं। इससे हाईवे बार-बार बंद हो रहे हैं। इससे सेब उत्पादक को नुकसान का भय सता रहा है।
जनपद के गंगा घाटी में हर्षिल, झाला, सुखी, जसपुर, मुखवा, धराली, छोलमी, यमुना घाटी में स्योरी, मोराल्टू, कोटियाल गांव, जरमोला, जखोल, सांकरी, आराकोट, नैटवाड़ आदि जगहों पर सेब का उत्पादन होता है। क्षेत्रों में रॉयल डेलिस्स, रेड डेलिस्स, सैनी, अर्ली सनवरी, रेड गोल्डन, ग्रीन स्वीप, गोल्डन के सेब की किस्में उगाई जाती हैं। किसान फसलों को कानपुर, सहारनपुर, देहरादून, लखनऊ, दिल्ली, गाजियाबाद, आगरा, मथुरा, मुरादाबाद, मेरठ आदि शहरों की मंड़ियों में बेचते हैं। बरसात का मौसम शुरू हो चुका है। लगातार बारिश से हाईवे बाधित हो रहे हैं। वहीं फसल भी तैयार हो गई है। किसानों को हाईवे बंद होने से नुकसान होने का भय सताने लगा है।
किसान लोकेन्द्र ¨सह बिष्ट का कहना है कि बंद हो रही सड़कों के डर के कारण सेब के खरीददार नहीं पहुंच रहे हैं। वर्ष 2010 से 2014 तक जिले में सेब के काश्तकारों को आपदा की मार झेलनी पड़ी है। सेब सीजन में हाईवे कई-कई दिनों तक बंद रहा, जबकि 2013 की आपदा में तीन महीने से अधिक समय तक हाईवे बंद रहा। वहीं इस बार भी अतिवृष्टि से पहाड़ों के दरकने से नुकसान की आशंका बलवती हो रही है।