झूला पुल से अठाली गांव को मिली राहत
जागरण संवाददाता, उत्तरकाशी: तीन सालों से आपदा का दंश से जूझ रहे अठाली गांववासियों को आखिरकार कुछ राह
जागरण संवाददाता, उत्तरकाशी: तीन सालों से आपदा का दंश से जूझ रहे अठाली गांववासियों को आखिरकार कुछ राहत मिली है। तीन साल बाद अठाली में भागीरथी नदी के ऊपर 102 मीटर लंबा झूला पुल तैयार हो गया है। इस बरसात में यह पुल क्षेत्रवासियों के लिये राहत का पर्याय रहेगा।
भटवाड़ी ब्लॉक का अठाली गांव में 12 सौ की आबादी है। 2013 की आपदा में भागीरथी नदी पर बना पुल बह गया था, जिससे क्षेत्रवासियों को आवाजाही में खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था। जर्जर ट्रॉली के भरोसे नदी पार की जा रही थी। गौरतलब है कि आपदा के दौरान अठाली गांव को जोड़ने वाला पैदल पुल सहित अन्य 12 पुल बह गये थे। इन पुलों के निर्माण की जिम्मेदारी एनबीसीसी को दी गई थी। इसमें एक झूला पुल तथा दूसरा मोटर पुल बनना है। मोटर पुल तो मई में आये तूफान के दौरान भागीरथी नदी में धराशायी हो गया था, लेकिन झूला पुल अब बनकर तैयार हो गया है। यह एनबीसीसी ने पौने छह करोड़ की लागत से एनबीसीसी ने बनाकर तैयार किया है। इस पुल से आवागन भी शुरू हो चुका है। आपदा के बाद से जिला मुख्यालय के आसपास के पुलों में एनबीसीसी का यह पहला पुल है जो तैयार हुआ है। जिला मुख्यालय के पास जोशियाड़ा को जोड़ने वाला पुल भी अभी तैयार नहीं हो पाया है। जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी देवेन्द्र पटवाल ने कहा कि एनबीसीसी को चार पुलों का निर्माण अगस्त तक पूरा करना है। इन पुलों में अठाली का झूला पुल भी शामिल है।
अठाली गांव के लिए झूला पुल तैयार हो गया है। कम से कम इस बारसात में ग्रामीणों को ट्रॉली से मुक्ति तथा पुलों की सुविधा मिल सके, इसके लिए वे स्वयं भी पुलों के निर्माण की समीक्षा करेंगे।
विजयपाल सजवाण, संसदीय सचिव एवं विधायक गंगोत्री