गंगोत्री में यात्रियों के लिए पीने को पानी नहीं
जागरण संवाददाता, उत्तरकाशी: गंगा के मायके गंगोत्री में पिछले 10 दिन से पीने के पानी का संकट बना हुआ
जागरण संवाददाता, उत्तरकाशी: गंगा के मायके गंगोत्री में पिछले 10 दिन से पीने के पानी का संकट बना हुआ है। नलों पर पानी न आने के कारण यात्रियों से लेकर स्थानीय लोगों व व्यापारियों को भागीरथी का गादयुक्त पानी पीना पड़ रहा है। स्थानीय लोगों ने कई बार प्रशासन से शिकायत भी की, लेकिन फिर भी प्रशासन व जल संस्थान गंगोत्री धाम में पेयजल की व्यवस्था को सुचारु नहीं कर पा रहा है। स्थानीय लोगों ने चेतावनी दी है कि अगर जल्द व्यवस्था दुरुस्त न हुई तो वे आंदोलन को बाध्य होंगे।
गंगोत्री धाम के कपाट नौ मई को खुल गए थे और तब से लेकर अब तक धाम में 80 हजार से अधिक यात्री मां गंगा के दर्शन कर चुके हैं। लेकिन, उनके लिए पीने के पानी की कोई व्यवस्था नहीं। स्थिति यह है कि जल संस्थान अभी तक गंगोत्री आने वाली क्षतिग्रस्त पेयजल लाइनों को दुरुस्त नहीं कर पाया है। जबकि, यात्रा दिनोंदिन जोर पकड़ रही है।
गंगोत्री व्यापार मंडल के अध्यक्ष सतेंद्र सेमवाल ने बताया कि गंगोत्री में 60 होटल, 10 धर्मशालाएं और 120 से अधिक दुकानें हैं। उस पर सात हजार से अधिक यात्री रोजाना धाम में पहुंच रहे हैं। बावजूद इसके प्रशासन यात्री सुविधाओं को नजरंदाज कर रहा है। खासकर पेयजल संकट पर तो ध्यान ही नहीं दिया जा रहा। उन्होंने बताया कि नलों पर पानी न आने के कारण यात्रियों व स्थानीय व्यापारियों को मजबूरी में गादयुक्त पानी पीना पड़ रहा है। पानी की व्यवस्था दुरुस्त न होने से कई बार तो यात्री होटल स्वामियों से भी उलझ जाते हैं। अब तो ज्यादातर यात्री धाम में ठहरने के बजाए तुरंत हर्षिल व धराली लौट जा रहे हैं। उधर, जल संस्थान के अधिशासी अभियंता विरेंद्र वर्मा ने बताया कि गंगोत्री में पेयजल लाइन को दुरुस्त कराया जा रहा है। उम्मीद है कि दो-तीन दिन में लाइन सही हो जाएगी।