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काश्तकारों ने लिया कीटनाशी दवा बनाने का प्रशिक्षण

जागरण संवाददाता, उत्तरकाशी : उत्तराखंड जैविक उत्पादन परिषद की ओर से जैविक कृषि को बढ़ावा देने के लिए

By Edited By: Published: Thu, 28 Apr 2016 05:58 PM (IST)Updated: Thu, 28 Apr 2016 05:58 PM (IST)

जागरण संवाददाता, उत्तरकाशी : उत्तराखंड जैविक उत्पादन परिषद की ओर से जैविक कृषि को बढ़ावा देने के लिए डुंडा ब्लॉक के विभिन्न गांवों के काश्तकारों को बेहतर कृषि करने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। गुरुवार को डुंडा ब्लॉक के धारकोट गांव में काश्तकारों को जैविक उत्पादों से कीटनाशक दवा बनाने का प्रशिक्षण दिया गया। जिसमें 82 काश्तकारों ने प्रशिक्षण लिया।

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उत्तराखंड जैविक उत्पादन परिषद की ओर से ग्राम स्तर पर बेहतर कृषि करने के लिए स्थानीय संस्था सोसायटी फॉर एक्शन इन माउंटेंस विलेज इकोलाजिकल डेवलपमेंट एंड एनिशिएटिब्स का चयन किया गया है। संस्था की ओर से ग्रामीण काश्तकारों को खाद संरचना नाडेप, वर्मी कंपोस्ट, तरल कीटनाशी, सीपीपी ओर बंबू नाडेय को प्रशिक्षण दिया जाएगा। प्रशिक्षण तकनीकि अधिकारी यशवंत बिष्ट ने बताया कि अभी तक डुंडा ब्लॉक के विभिन्न गांवों के 6957 कृषकों का पंजीकरण किया गया है। गुरूवार को धारकोट में कृषकों को स्थानीय वनस्पति, बिच्छू घास, टिमसू, डेंकड तथा अखरोट के साथ गोमूत्र एवं गोबर से तरल कीटनाशी बनाने का प्रशिक्षण दिया गया। उन्होंने बताया कि इससे फसलों में लगने वाले कीट रोगों से फसलों को बचाया जा सकता है साथ ही फसल पर किसी भी प्रकार का नुकसान नहीं हो सकता है । प्रशिक्षण शिविर में 82 काश्तकारों ने कीटनाशी दवा बनाने का प्रशिक्षण लिया । इस मौके पर ब्लॉक समन्वयक गिरीश पोखरियाल, बिमला, युगल किशोर, सुनीता, उर्मिला, अनीता, सुशीला, उषा समेत अन्य मौजूद थे।


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