सेंसटिव जोन के विरोध में गंगोत्री बाजार बंद
जागरण संवाददाता, उत्तरकाशी : ईको सेंसटिव जोन को लेकर गंगा घाटी में विरोध तेज हो गया है। जोन के विरोध
जागरण संवाददाता, उत्तरकाशी : ईको सेंसटिव जोन को लेकर गंगा घाटी में विरोध तेज हो गया है। जोन के विरोध में व्यापारियों ने रविवार को गंगोत्री में बाजार बंद रहा। संत समाज व तीर्थ पुरोहितों ने जुलूस निकालकर सेंसटिव जोन के नोटिफिकेशन की प्रतियां फूंकी।
इस मौके पर गंगोत्री मंदिर समिति के अध्यक्ष भागेश्वर सेमवाल ने कहा कि गोमुख से उत्तरकाशी तक भागीरथी नदी के लगभग 100 किमी लंबे क्षेत्र के आस पास के क्षेत्र को ईको सेंसटिव क्षेत्र में शामिल किया गया है। यह क्षेत्र के लोगों को बिल्कुल भी स्वीकार नहीं है। इससे गंगोत्री धाम में यात्रियों का आना भी मुश्किल हो जाएगा। संत समाज के राघवेंद्रा नंद महाराज ने कहा कि जो वन कानून वर्तमान में हैं वे यहां के पर्यावरण, जंगल की सुरक्षा व नदी सुरक्षा के लिए काफी है। अतिरिक्त कानून को जनता के ऊपर नहीं लादा जाना चाहिए। गंगोत्री व्यापार मंडल के अध्यक्ष सुरेश सेमवाल ने कहा कि ईको सेंसटिव का काला कानून नहीं हटाया गया तो व्यापारी उग्र आंदोलन के लिए बाध्य होंगे। विरोध प्रदर्शन करने वालों में मंदिर समिति के सचिव सुरेश सेमवाल, रजनीकांत सेमवाल, पूनम गिरि, वासुदेव सेमवाल, महेश सेमवाल, हिमाचल प्रसाद सेमवाल, नवीन सेमवाल, दीपक सेमवाल, हरीश नौटियाल, सत्य प्रसाद सेमवाल, आशा सेमवाल सहित व्यापारी व संत समाज उपस्थित थे।
आज भी विरोध प्रदर्शन
उत्तरकाशी : ईको सेंसटिव जोन के जोनल मास्टर प्लान बनाने को लेकर अंतिम बैठक सोमवार को उत्तरकाशी में होनी है। विभिन्न संगठनों ने प्रशासन को चेतावनी दी है कि वे बैठक में शामिल नहीं होंगे तथा ईको सेंसटिव जोन का पूरी तरह से विरोध करेंगे। विधायक विजयपाल ¨सह सजवाण ने कहा कि ईको सेंसटिव जोन के विरोध में सोमवार को उत्तरकाशी शहर में जुलूस निकाला जाएगा तथा विरोध प्रदर्शन किया जाएगा।
यात्री हुए परेशान
उत्तरकाशी : गंगोत्री बाजार बंद रहने के दौरान गंगोत्री धाम पहुंचे यात्रियों को कुछ देर परेशानी का सामना करना पड़ा। मंदिर में चढ़ाने के लिए प्रसाद, गंगा जल के लिए गंगाजली आदि नहीं मिल सकी। यात्रियों को काफी देर दुकानों के खुलने का इंतजार करना पड़ा। रविवार को 500 से अधिक यात्रियों ने गंगोत्री धाम पहुंच कर दर्शन किए।