महंगा सौदा, शिक्षकों में खलबली
संवाद सूत्र पुरोला : वर्तमान में महंगाई चरम पर है, लेकिन प्राथमिक विद्यालयों में ड्रेस की दर वही चार
संवाद सूत्र पुरोला : वर्तमान में महंगाई चरम पर है, लेकिन प्राथमिक विद्यालयों में ड्रेस की दर वही चार साल पुरानी हैं। यमुनाघाटी के दो विकासखंड पुरोला और मोरी में करीब 115 प्राथमिक स्कूल है। इन विद्यालयों में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं की दो ड्रेस के लिए सरकार की ओर से अभी भी मात्र 400 रुपये ही दिए जा रहे हैं, जबकि उनकी सिलाई ही 500 रुपये है।
यमुनाघाटी में स्थित मोरी ब्लॉक के अंतर्गत 68 और पुरोला में 47 विद्यालयों में छात्र-छात्राओं को स्कूल ड्रेस उपलब्ध कराने को सरकार तय मानकों के अनुसार प्रत्येक छात्र को दो कमीज व दो पेंट छात्राओं को दो सलवार, दो कुर्ते व दो दुपट्टे शिक्षा विभाग की ओर से दिए जाते हैं। इसके लिए सिलाई सहित केवल 400 रुपये तय किए गए हैं जबकि बाजार में 500 रुपये दो जोड़ी स्कूल ड्रेस की सिलाई है। इन हालातों में शिक्षक और विद्यार्थी दोनों परेशान हैं। शिक्षक इसलिए परेशान हैं कि वे इतनी कम राशि में कपड़ा कहां से लेंगे। जबकि विद्यार्थी सिलाई के लिए पांच सौ रुपये को लेकर दुखी है। वहीं बाजार में सबसे सस्ते एक पेंट के कपड़े की कीमत डेढ़ सौ रुपये के करीब है और एक कमीज की कीमत दो सौ रुपये। नियमानुसार छात्र-छात्राओं के लिए कपड़े भी उच्चश्रेणी के होने चाहिए। यही हाल छात्राओं के कपड़ों की कीमत का है। बढ़ती मंहगाई के कारण तय मानक के अनुसार प्रत्येक छात्र को 400 रुपये में दो-दो जोड़ी स्कूल डे्स देना अध्यापकों के लिए टेढ़ी खीर साबित हो रही है। इस मामले में एबीईओ डीपी पांडेय का कहना है कि महंगाई व सिलाई की दरें बढ़ने के चलते 400 रुपये में सिलाई सहित दो-दो ड्रेस दे पाना बहुत ही मुश्किल साबित हो रहा है। शासन को भी कई बार इस संबंध में पत्र भेज कर अवगत कराया गया है।