नाम बड़े और दर्शन छोटे
संवाद सूत्र, बड़कोट : यमुनोत्री धाम के अहम पड़ाव बड़कोट से अंतिम पड़ाव जानकी चट्टी तक कोई भी बड़ा अस्पताल
संवाद सूत्र, बड़कोट : यमुनोत्री धाम के अहम पड़ाव बड़कोट से अंतिम पड़ाव जानकी चट्टी तक कोई भी बड़ा अस्पताल नहीं है। बड़कोट में जो सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र है उसकी हालत नाम बड़े दर्शन छोटे जैसी है। एक करोड़ से भी अधिक लागत से बड़कोट में सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र 2008 में बनाया गया था। 2009 में तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने इस सीएचसी का लोकार्पण किया था। किन्तु आज तक इस केन्द्र में सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र जैसी सुविधाएं ही नहीं हैं। सीएचसी के मानकों के अनुसार 12 चिकित्सक होने अनिवार्य हैं। लेकिन यहां चार चिकित्सक तैनात हैं। दो चिकित्सकों की यात्रा सीजन में ड्यूटी लगने के कारण अस्पताल में दो ही चिकित्सक हैं।
भटवाड़ी पीएचसी एक चिकित्सक के भरोसे
उत्तरकाशी : गंगा घाटी में पड़ने वाले चिन्यालीसौड़ ब्लाक, डुंडा ब्लाक व भटवाड़ी ब्लाक के पीएचसी में भी चिकित्सकों की कमी बनी हुई है। जिला मुख्यालय से 35 किलोमीटर दूर भटवाड़ी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में केवल एक ही चिकित्सक तैनात है। जबकि एक प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में कम से कम चार चिकित्सकों की तैनाती होनी जरूरी है। इसी तरह का हाल जिला मुख्यालय से 40 किलोमीटर दूर चिन्यालीसौड़ प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में केवल दो ही चिकित्सक तैनात हैं। वहीं मुख्यालय से 15 किलोमीटर दूर डुंडा ब्लाक के प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में तीन चिकित्सक तैनात हैं। वहीं जिला अस्पताल में भी पांच चिकित्सकों की कमी बनी हुई हैं।
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जिन मानकों के हिसाब से चिकित्सक होने चाहिए , उन मानकों के हिसाब से चिकित्सक नहीं हैं। पीएचसी भटवाड़ी में एक चिकित्सक है। सीएचसी में कुछ चिकित्सक कम हैं। शासन से चिकित्सकों की मांग की गई।
-डॉ. मयंक उपाध्याय, सीएमओ, उत्तरकाशी