गंगोत्री धाम में झटके दे रही बिजली
जागरण संवाददाता, उत्तरकाशी : सरकार भले ही चारधाम यात्रा के इंतजाम चाक चौबंद करने के दावे कर रही है,
जागरण संवाददाता, उत्तरकाशी : सरकार भले ही चारधाम यात्रा के इंतजाम चाक चौबंद करने के दावे कर रही है, लेकिन धरातल पर स्थिति उलट है। गंगोत्री धाम में बिजली व्यवस्था पूरी तरह लचर है। बीते तीन दिनों से बिजली पूरी तरह ठप है। केरोसीन बंद होने के कारण गंगोत्री में रात को मोमबत्तियों की रोशनी का ही सहारा है।
बीते माह 23 अप्रैल को गंगोत्री धाम के कपाट खुलने के दिन उरेडा ने किसी तरह गंगोत्री धाम में बिजली व्यवस्था सुचारू की थी। उरेडा की सौ किलोवाट की रुद्रगैरा परियोजना में तकनीकी खामियों से विद्युत व्यवस्था हिचकोले खाने लगी। तीन दिनों से रात और दिन दोनों समय बिजली गुल है। ऐसे में गंगोत्री धाम में मौजूद सीजनल व्यापारियों को समस्या का सामना करना पड़ रहा है। बिजली की स्थिति को देखते हुए गंगोत्री धाम में यात्री भी नहीं ठहर रहे हैं। अधिकांश यात्री धाम में दर्शन के बाद सीधे वापसी की राह पकड़ रहे हैं।
विद्युत आपूर्ति उत्पादन की स्थिति पर नजर डालें तो गंगोत्री धाम में रुद्रगैरा परियोजना के साथ ही केदारगंगा पर भी 25 किलोवाट की लघु जल विद्युत परियोजना है। इससे मंदिर परिसर व बीएसएनएल टावर को बिजली आपूर्ति हो रही है, लेकिन धाम में नहीं। केरोसीन की आपूर्ति भी बंद होने के कारण अब मोमबत्ती के अलावा रात में उजाले का कोई विकल्प नहीं रह गया है।
ग्रिड से नहीं जुड़ सका गंगोत्री धाम
हर्षिल तक ग्रिड की लाइन होने के बावजूद गंगोत्री धाम अभी ग्रिड से नहीं जुड़ सका है। जबकि लंबे समय से इसकी मांग की जा रही है। पिछले साल विद्युत वितरण खंड उत्तरकाशी की ओर से इसका सर्वे भी किया जा चुका है। लेकिन कार्यवाही अभी इससे आगे नहीं बढ़ सकी है। जबकि गंगोत्री स्थित उरेडा की लघु जल विद्युत परियोजनाएं सर्दियों में भारी बर्फबारी से खराब होती रहती हैं।
गंगोत्री धाम में विद्युत आपूर्ति की समस्या ओवरलोड के चलते आ रही है। इससे अलग-अलग समय पर विद्युत कटौती करनी पड़ रही है। परियोजना में कुछ तकनीकी काम चल रहा है, जिसके ठीक होने पर स्थिति सामान्य हो जाएगी।
मनोज कुमार, परियोजना अधिकारी, उरेडा।