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पैदा होते ही नाली फेंक दी नवजात

संवाद सहयोगी, उत्तरकाशी : जिला चिकित्सालय के चिकित्सकों पर हर बार लोग गरियाते हैं, लेकिन शनिवार नाली

By Edited By: Published: Sat, 25 Apr 2015 05:10 PM (IST)Updated: Sat, 25 Apr 2015 05:10 PM (IST)
पैदा होते ही नाली फेंक दी नवजात

संवाद सहयोगी, उत्तरकाशी : जिला चिकित्सालय के चिकित्सकों पर हर बार लोग गरियाते हैं, लेकिन शनिवार नाली में फेंकी गई एक नवजात के लिए ये चिकित्सक फरिश्ता बन गए। रातभर ठंडे पानी में रहने से नवजात का ब्रेन डेड, ह्दयगति रुक गई साथ ही हाईपोथर्मिया की चपेट में आ गई। चिकित्सकों ने जब उसका उपचार शुरू किया तो उन्होंने भी बचने की उम्मीद छोड़ दी , लेकिन अचानक चमत्कारिक ढंग से उसके सभी अंग काम करने लगे और स्वस्थ हो गई इस घटना से डॉक्टर भी हैरान हैं। अब सभी लोग नवजात को (गंगा) कह कर पुकार रहे हैं।

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शनिवार को जिला मुख्यालय में तड़के मॉर्निग वॉक पर निकले लोगों को महिषासुर मर्दिनी मंदिर के समीप नाली में एक नवजात पड़ी दिखी। मौके पर भारी संख्या में लोगों की भीड़ जमा हो गई, लेकिन किसी ने भी नाली में हाथ डालकर बच्ची को निकालने की कोशिश नहीं की। फिर साढ़े छह बजे सुबह घटनास्थल पर पहुंचे जिला अस्पताल में तैनात सीनियर रेडियोलॉजिस्ट डॉ. शिव प्रसाद कुड़ियाल ने नवजात को नाली से निकाला। नाली में रातभर रहने से बच्ची के शरीर में काफी मात्रा में पानी भर गया था। मौके पर डॉ. कुड़ियाल ने बच्ची के मुंह में हवा भरी तो बच्ची की सांसे भी चलनी शुरू हुई। इसके बाद डॉ. कुड़ियाल बच्ची को तुरंत जिला अस्पताल ले आए। यहां बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. सोमेंद्र चौहान और डॉ. एसपी कुड़ियाल ने बच्ची का इलाज शुरू किया। शुरूआती दौर में डॉक्टरों ने पाया कि बच्ची का 'ब्रेन डेड' हो चुका है साथ ही दिल की धड़कने भी बंद है। रातभर नाली में पड़े रहने से बच्ची के फेफड़ों में पानी भर गया साथ ही वह हाईपोथर्मिया की चपेट में भी आ गई थी। ऐसे में डॉक्टरों ने भी बच्ची के बचने की उम्मीद तो छोड़ दी थी, लेकिन वे लगातार बच्ची के शरीर को गर्मी पहुंचाने और धड़कनों को वापिस लाने की कोशिश में जुटे रहे। तकरीबन पौने नौ बजे सुबह चमत्कारिक ढंग से बच्चे का डेड पड़ा 'ब्रेन' फिर से काम करने लगा तो दिल की धड़कने भी लौट आई। इसके बाद भी बच्ची के फेफडों में जमा पानी को निकालने के लिए भी दिन भर मशक्कत चलती रही। दोपहर बाद तक बच्ची खतरे की जद से बाहर निकल चुकी थी। हालांकि, दोपहर बाद भी यह साफ नहीं हो सका कि बच्ची किसकी है और इसे फेंका क्यों गया। डॉ. एसपी कुड़ियाल ने बताया कि संभव है कि लड़की के पैदा होने से नाखुश मां बाप ने भी बच्ची को फेंका हो। उनकी माने तो बच्ची पूरी तरह से स्वस्थ्य पैदा हुई थी इसका मतलब है कि बच्ची जब गर्भ में थी तो उसकी मां की भरपूर देखरेख की गई होगी। वहीं पुलिस अधीक्षक जेआर जोशी ने भी मामले के संज्ञान में आने के बाद ही पुलिस टीम गठित कर बच्ची के मां बाप की तलाश शुरू कर दी है। एसपी ने बताया कि अज्ञात के खिलाफ आईपीसी की धारा 315 के तहत भी मामला दर्ज कर लिया गया है।


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