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यात्रा में रोड़ा न बन जाए सुक्की टॉप

संवाद सहयोगी, उत्तरकाशी : गंगोत्री हाइवे में दरकता सुक्की टॉप गंगोत्री तक के सफर में खलल डाल सकता है

By Edited By: Published: Sun, 22 Mar 2015 04:48 PM (IST)Updated: Sun, 22 Mar 2015 04:48 PM (IST)
यात्रा में रोड़ा न बन जाए सुक्की टॉप

संवाद सहयोगी, उत्तरकाशी : गंगोत्री हाइवे में दरकता सुक्की टॉप गंगोत्री तक के सफर में खलल डाल सकता है। सुक्की टॉप के दरकते सातों मोड़ हाइवे के लिए मुसीबत बने हुए हैं। यहां फूटे पानी के स्रोतों से हाइवे का यह हिस्सा लगातार दरक रहा है। इसके चलते गंगोत्री धाम यात्रा में व्यवधान पैदा हो सकता है।

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महीने भर बाद गंगोत्री यात्रा शुरू हो जाएगी। यात्रा में कोई रुकावट न आए इसके लिए बीआरओ भी हाइवे को दुरुस्त करने के काम में जुटा है। डेंजर जोन में सुरक्षा के इंतजाम किए जा रहे हैं तो सड़कों के अलग अलग हिस्सों में डामरीकरण का काम भी तेजी पर है। इन सबके बीच सुक्की का सात किमी लंबा हिस्सा बीआरओ के लिए अभी भी चिंता का सबब बना हुआ है। डबराणी से लेकर सुक्की गांव तक हाइवे में सात मोड़ है। इन सातों मोड़ों पर 2012 से धंसाव जारी है। बीते साल यहां हाइवे तकरीबन महीने भर तक बंद रहा था। दरकते इस हिस्से को लगातार बीआरओ आवाजाही लायक बनाता रहा है, लेकिन अब यह हाइवे का सबसे खराब हिस्सा बन गया है।

सात किमी लंबे हिस्से में जगह-जगह जलस्रोत फूट गए है। जिसके चलते इसके दरकने में तेजी आ गई है। हाइवे के इस हिस्से को दरकने से बचाने के लिए बीआरओ भी एड़ी चोटी का जोर लगा चुकी है लेकिन दरकते सुक्की टॉप को बचाना टेढ़ी खीर साबित हो रहा है। ऐसे में यहां यात्रा शुरू होने के बाद हल्की बरसात में भी आवाजाही थमने की पूरी आशंका है। अभी भी इस हिस्से पर भारी वाहनों की आवाजाही भी बेहद मुश्किल से हो पाती है। यात्रा सीजन के दौरान लगातार भारी वाहनों की आवाजाही को झेलना इस हिस्से के लिए बेहद मुश्किल होगा।

वैकल्पिक मार्ग भी विरोध से लटका

सुक्की के लंबे सात मोड़ों से यात्रियों को निजात दिलाने के लिए डबराणी से झाला तक हाइवे को डायवर्ट करने की योजना भी बनी थी, लेकिन सुक्की के ग्रामीणों के विरोध के बाद यह योजना फाइलों में ही सिमट कर रह गई। योजना अमल में आती तो गंगोत्री और उत्तरकाशी के बीच दस किमी की दूरी कम हो जाती।

टाट पर पैबंद का काम

यात्रा सीजन को देखते हुए बीआरओ भी गंगोत्री हाइवे की तस्वीर सुधारने की कवायद में जुट गया है, लेकिन आपदा के चलते जो हिस्से बेहद सिमट गए हैं उन्हें दुरुस्त करने में फिलहाल बीआरओ भी रुचि नहीं ले रहा। विशनपुर, गंगनानी, मल्ला समेत अन्य स्थानों पर हाइवे की हालत बेहद खराब बनी हुई है।

'हाईवे को दुरुस्त करने का काम तेजी से चल रहा है, लेकिन सुक्की में मुश्किलें आ रही हैं। हालांकि मजदूर लगातार हाइवे के इस हिस्से को आवाजाही के लिए सुरक्षित बनाने के काम में जुटे हैं।

नीरव टुली, ओसी बीआरओ।


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