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खुले आसमान के नीचे लग रही पाठशाला

संवाद सूत्र, बड़कोट : राजकीय इंटर कॉलेज खरादी को बीते दो दशक से भवन की दरकार है। स्कूल को अब तक भवन न

By Edited By: Published: Fri, 27 Feb 2015 05:16 PM (IST)Updated: Fri, 27 Feb 2015 05:16 PM (IST)
खुले आसमान के नीचे लग रही पाठशाला

संवाद सूत्र, बड़कोट : राजकीय इंटर कॉलेज खरादी को बीते दो दशक से भवन की दरकार है। स्कूल को अब तक भवन न मिलने से स्कूल में अध्ययनरत छह सौ छात्र छात्राओं की कक्षाएं खुले मैदान में संचालित होती हैं। वहीं स्कूल में अन्य व्यवस्थाओं की हालत भी बेहद खराब बनी हुई है। इसकी वजह से यहां अध्ययनरत छात्रों को विपरीत परिस्थितियों में परेशानियों का सामना करना पड़ता है।

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नौगांव प्रखंड के राइंका खरादी को 23 साल बाद भी भवन नहीं मिल सका है। सरकारी स्तर की लापरवाही का खामियाजा यहां पढ़ रहे छात्र छात्राओं को उठाना पड़ रहा है। स्कूल में मौजूद तीन कमरों में ही बारहवीं तक की पढ़ाई कैसे संचालित होती होगी इसका अंदाजा आप सहज लगा सकते हैं। तीन कमरों में छठी से बारहवीं तक की पढ़ाई के साथ ही विभागीय काम काज के लिए भी इन कमरों का प्रयोग किया जा रहा है। ऐसे में पूरे शैक्षिक सत्र में छात्र छात्राओं को बाहर खुले मैदान में बैठकर ही पढ़ना पड़ता है। ऐसे में मौसम खराब हुआ तो उस दिन स्कूल में पढ़ाई का तो सवाल ही नहीं उठता। बीते साल स्कूल के भवन के लिए नया प्रस्ताव भी बना, लेकिन हर बार की तरह यह प्रस्ताव भी फाइलों में कैद होकर रह गया है।

शौचालय नहीं, खुले में शौच

राइंका खरादी में भले ही छह सौ से भी ज्यादा छात्र छात्राएं पढ़ रहे हो, लेकिन यहां अब तक शौचालय तक नहीं बना है। ऐसे में छात्र छात्राओं को खुले में शौच करना पड़ता है। खुले में शौच से जहां बीमारियों का खतरा भी बना रहता है वहीं लड़कियों की सुरक्षा पर भी हमेशा खतरा मंडराता रहता है।

झूलते तार भी मुसीबत

राइंका के मैदान से सटे हिस्से में झूलते बिजली के तार भी छात्र छात्राओं के लिए खतरा बने हुए हैं। जिस मैदान में छात्र छात्राओं की कक्षाएं संचालित होती हैं वहीं बगल में टूटे हुए बिजली के तार हर समय छात्रों के सिर पर मौत बनकर मंडराते रहते हैं। वहीं छात्रों को यही रास्ता आवाजाही के लिए प्रयोग करना पड़ता है। ऐसे में स्कूल आने वाले छात्र छात्राओं को किसी तरह से इन तारों से बचकर आवाजाही करनी पड़ रही है।

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भवन निर्माण की स्वीकृति तो मिली हुई है, लेकिन काम होता नहीं दिख रहा। भवन बने तो यहां पठन पाठन भी पटरी पर लौट सकेगा। भवन के अभाव में छात्र छात्राओं को भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।

आइडी अंसारी, प्रधानाचार्य राइंका खरादी

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स्कूल के निर्माण का प्रस्ताव जिला योजना में रखा है, जल्द ही निर्माण शुरू भी किया जाएगा। शौचालय निर्माण का काम भी जल्द शुरू होगा। निर्माण का मामला कहां फंसा रहा इसकी भी जांच कर समस्याओं के निस्तारण पर जल्द कार्रवाई होगी।

लीलाधर व्यास, मुख्य शिक्षा अधिकारी उत्तरकाशी


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