पुल के इंतजार में पथराए नैन
संवाद सूत्र, पुरोला : मोरी के बंगाण पट्टी के दस गांवों को जोड़ने के लिए टौंस नदी पर निर्माणाधीन मैंदर
संवाद सूत्र, पुरोला : मोरी के बंगाण पट्टी के दस गांवों को जोड़ने के लिए टौंस नदी पर निर्माणाधीन मैंदरथ-कुकरेड़ा-भंकवाड़ पुल के एबेडमेंट तो तैयार हो गए, लेकिन बीते छह माह से पुल का निर्माण पूरा नहीं हो पाया है। पुल के दोनों ओर मोटर मार्ग भी बनकर डेढ़ वर्ष पूर्व तैयार हो गया। अब अधूरे पुल की वजह से दस गांव की छह हजार आबादी को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
मोरी प्रखंड में विकास कार्यो की अनदेखी नई बात नहीं है। क्षेत्र में लंबे समय से सड़कें, पुल और सिंचाई नहरों का निर्माण लटका हुआ है। जो कार्य शुरू हुए भी हैं वे भी पूरे नहीं हो सके हैं। क्षेत्र के लोग लंबे समय से विकास की मुख्यधारा में शामिल होने को तरस रहे हैं, लेकिन उनका यह इंतजार लंबा होता जा रहा है। टौंस नदी पर मैंदरथ कुकरेड़ा मोटर पुल सरकारी तंत्र की इस लापरवाही का एक नमूना भर है। आठ वर्ष पूर्व मोरी बंगाण पट्टी के कुकरेड़ा, बैगल, ढडियार, कीरोली, लवासु, गोजरियाल, तलवाड़, डोस व पिपलासु आदि गांवों को सड़क से जोड़ने के लिए टौंस नदी पर पुल निर्माण का काम शुरू हुआ। सात करोड़ 50 लाख की लागत के इस पुल के निर्माण का जिम्मा लोनिवि को सौंपा गया। विभाग ने प्रस्तावित स्थान पर नदी के दोनों ओर एबेडमेंट बना दिए। इसके बाद सात किमी सड़क का निर्माण भी कर दिया। लेकिन, पुल का शेष कार्य छोड़ दिया। इससे क्षेत्र की करीब छह हजार की आबादी अब भी सड़क तक पहुंचने के लिए पांच किमी की दूरी तय कर रही है। पुल निर्माण के लिए गार्डर भी अब तक प्रस्तावित स्थल तक नहीं पहुंचाए जा सके हैं। ऐसे में ग्रामीण लंबी दूरी तय कर भारी सामान पीठ पर ढोने को मजबूर हैं।
मैंदरथ-कुकरेड़ा पुल के दोनों ऐबेडमेंट तैयार हैं। गार्डर व सामान भी पहुंचाया जा रहा है, तीन माह में पुल बन कर तैयार हो जाएगा।
डीएस रावत, एई, लोनिवि पुरोला