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झील में डूबी पर्यटन की उम्मीदें

संवाद सहयोगी, उत्तरकाशी: यदि गंगोत्री व यमुनोत्री की तीर्थयात्रा को बोटिंग व वाट्र स्पोर्टस जैसी साह

By Edited By: Published: Thu, 20 Nov 2014 01:11 AM (IST)Updated: Thu, 20 Nov 2014 01:11 AM (IST)
झील में डूबी पर्यटन की उम्मीदें

संवाद सहयोगी, उत्तरकाशी: यदि गंगोत्री व यमुनोत्री की तीर्थयात्रा को बोटिंग व वाट्र स्पोर्टस जैसी साहसिक पर्यटन गतिविधि से जोड़ दिया जाता, तो शायद पलायन व बेरोजगारी की मार झेल रहे उत्तरकाशी के स्थानीय युवाओं को नई राह मिल जाती। अफसोस कि सरकार ने इस दिशा में पहल तो जरूर की, मगर राज्य के पर्यटन मंत्रालय की सुस्त कार्यप्रणाली एक बार फिर पर्यटन विकास की राह में अड़चन बन गई। भागीरथी नदी पर बनी मनेरी व जोशियाड़ा झील में वाटर स्पो‌र्ट्स व नौकायन की उम्मीदें पर्यटन विभाग की सुस्ती के कारण टूटती दिख रही हैं।

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जिले में भले ही मुखबा और खरसाली में शीतकालीन यात्रा प्रारंभ करके पर्यटन को बढ़ावा देने का दावा किया जा रहा है, मगर अपार संभावनाएं समेटे यात्रा पड़ावों के प्रति पर्यटन विभाग का नजरिया बेहद ही निराशाजनक दिख रहा है। इन पड़ावों में पर्यटन विकास की योजनाओं को जमीन पर उतारना तो दूर, यात्रियों के लिए जरूरी सुविधाएं जुटाने में भी महकमा उदासीन बना हुआ है। गंगा के शीतकालीन प्रवास मुखबा पहुंचने तक श्रद्धालु दो खूबसूरत झीलों के किनारे से तो होकर गुजरेंगे, मगर यहां वाटर स्पो‌र्ट्स व नौकायन की अपार संभावनाओं के बावजूद वे नौकायन का लुत्फ नहीं उठा सकेंगे।

राज्य सरकार लंबे समय से जोशियाड़ा व मनेरी झीलों में वाटर स्पो‌र्ट्स व नौकायन शुरू करने की घोषणा कर रही है, मगर झीलों में इसके लिए पर्यटन विभाग की ओर से कोई व्यवस्था नहीं की गई। सर्दी में जब भागीरथी का जलस्तर बेहद कम हो जाता है, तो यहां बोटिंग करना सुरक्षित व रोमांचक हो सकता है। वर्ष 2012 में नगर पालिका उत्तरकाशी ने जोशियाड़ा झील में बोटिंग शुरू की, लेकिन अगले ही साल भागीरथी में बाढ़ आने के बाद इसे बंद कर दिया गया। इसके बाद जोशियाड़ा में बोटिंग शुरू नहीं हो पाई।

उधर, मनेरी में भी बीते रो वर्ष से बोटिंग शुरू करने की योजना पर काम चल रहा है। यहां साढ़े चार करोड़ की लागत से बोटिंग समेत अन्य सुविधाएं व संसाधन जुटाए जा रहे हैं, मगर पर्यटन मंत्रालय की सुस्त कार्यप्रणाली की वजह से यह कसरत अब तक अंजाम तक नहीं पहुंच सकी।

चिन्यालीसौड़ भी उपेक्षित

चिन्यालीसौड़ कस्बे से सटी टिहरी झील में भी फिलहाल बोटिंग स्थानीय निवासियों को नदी पार करवाने के लिए की जा रही है, मगर इसे अब तक पर्यटन से नहीं जोड़ा जा सका है। चिन्यालीसौड़ में टिहरी झील का एक किमी लंबा हिस्सा सटा हुआ है। यहां वाटर स्पो‌र्ट्स समेत पर्यटन की अपार संभावनाओं के बाद भी कोई काम शुरू नहीं हो सका।

इनसेट..

'मनेरी झील में साढ़े चार करोड़ रुपये की धनराशि से बोटिंग समेत अन्य पर्यटन सुविधाएं जुटाई जा रही है। जोशियाड़ा बैराज में नगरपालिका से वार्ता कर दोबारा बोटिंग शुरू करवाने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।'

-केएस नेगी, क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी, उत्तरकाशी।


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