सन्नाटे के बीच होगा पर्यटन सीजन विदा
संवाद सहयोगी, उत्तरकाशी : सन्नाटे के साथ शुरू हुआ गंगोत्री-यमुनोत्री यात्रा सीजन शुक्रवार को औपचारिक
संवाद सहयोगी, उत्तरकाशी : सन्नाटे के साथ शुरू हुआ गंगोत्री-यमुनोत्री यात्रा सीजन शुक्रवार को औपचारिक रूप से खत्म हो जाएगा। पिछले पांच साल में सबसे फीका रहे इस यात्रा सीजन ने पर्यटन व्यवसाय की कमर ही तोड़ दी। पर्यटन से जुड़े कारोबारियों की उम्मीदें अगले यात्रा सीजन पर टिकी हैं।
मौजूदा यात्रा सीजन पिछले पांच साल में सबसे फीका सीजन साबित हुआ है। भले ही इस साल पहले की अपेक्षा न तो यात्रा पड़ावों पर कोई बड़ी आपदा आई न ही बरसात से कोई बड़ा नुकसान हुआ। इसके बावजूद गंगोत्री यमुनोत्री तीर्थ यात्रा इस साल हांफ हांफ कर चली। सीजन पूरा हो चुका है और शुक्रवार को गंगोत्री-यमुनोत्री के कपाट बंद होने के साथ ही यात्रा सीजन का भी समापन हो जाएगा।
पिछली आपदा का असर यह रहा कि इस बार यात्रियों की संख्या एक लाख तक भी नहीं पहुंच सकी। सिर्फ 58 हजार यात्रियों ने ही गंगोत्री-यमुनोत्री के दर्शन किए। बीते सालों की अपेक्षा यह संख्या बेहद कम है। वर्ष 2013 में यात्रा सीजन कुल डेढ़ महीने तक चला था। इसके बावजूद दोनों धामों में डेढ़ महीने के दौरान ही दो लाख यात्री पहुंचे थे, जो इस साल के हिसाब से लगभग चौगुने थे। शुक्रवार को खत्म होने वाला यह सीजन पर्यटन व्यवसाय से जुड़े लोगों को भी गहरी चोट दे गया। वर्ष 2013 में नुकसान झेल चुका पर्यटन व्यवसाय 2014 में भी उबर नहीं सका। यात्रियों की कम आमद का असर यह रहा कि यात्रा पड़ावों के ज्यादातर होटलों पर पूरे सीजन के दौरान ताले ही लटके रहे।
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सड़क सुधरे तो बने बात
उत्तरकाशी : राज्य सरकार की शीतकालीन यात्रा को लेकर भी पर्यटन व्यवसायियों में कोई खास उत्सुकता नहीं दिख रही। पर्यटन व्यवसायियों की मानें तो गंगोत्री-यमुनोत्री हाईवे की हालत ना सुधारे जाने तक यहां पर्यटन में बढ़ोत्तरी की कोई गुंजाइश नहीं है। हाईवे की हालत सुधरने के बाद ही यहां सफर आसान और सुरक्षित हो सकता है। इसके बाद ही सालभर पर्यटक उत्तरकाशी का दीदार करने को आवाजाही करते रहेंगे।
इनसेट
पांच साल में गंगोत्री व यमुनोत्री पहुंचे यात्रियों की संख्या
2010- 3.10 लाख
2011- 4.79 लाख
2012- 4.43 लाख
2013- 2.06 लाख
2014- 58 हजार
(परिवहन पुलिस के आंकड़ों के मुताबिक)
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'पर्यटन व्यवसाय से जुड़े लोग इस सीजन को कभी नहीं भूल पाएंगे। ज्यादातर के लिए सीजन मई अंत तक ही खत्म सा हो गया था। आगामी शुक्रवार को बस औपचारिक रुप से सीजन खत्म होगा। सरकार यदि सड़कों की हालत दुरूस्त करे तो अगला सीजन बेहतर होगा, वर्ना सड़कों की यही स्थिति रही तो अगला सीजन भी तंगहाली में बीतेगा।'
-शैलेंद्र मटूड़ा, सचिव होटल एसोसिएशन उत्तरकाशी।
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फोटो: गंगोत्री व यमुनोत्री का लोगो।